बदलते मौसम ने बढ़ाए मानसिक रोगी, सेरोटोनिन रसायन में हो रहा उतार-चढ़ाव, बरतें सावधानी
हिसार के सरकारी और निजी अस्पतालों में इन दिनों मानसिक रोगों के उपचार के लिए आने वाले मरीजों की ओपीडी बढ़ गई है। सिविल अस्पताल में तैनात साइकोलाजिस्ट डा. पूनम दहिया ने बताया कि बदलते मौसम के चलते मानसिक रोगियों में विभिन्न मानसिक रोगों के लक्षण उभर आते है।
जागरण संवाददाता, हिसार: बदलते मौसम ने मानसिक रोगियों में इजाफा कर दिया है। शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में इन दिनों मानसिक रोगों के उपचार के लिए आने वाले मरीजों की ओपीडी बढ़ गई है। सिविल अस्पताल में तैनात साइकोलाजिस्ट डा. पूनम दहिया ने बताया कि बदलते मौसम के चलते मानसिक रोगियों में विभिन्न मानसिक रोगों के लक्षण उभर आते है। जिसके चलते मानसिक राेगियों में बढ़ोतरी हो जाती है। बदलते मौसम में मानसिक रोगों से बचाव के लिए अधिक सावधानी बरतने की जरुरत है, ताकि मौसम का असर मानसिक रोगियों पर ना पड़े। सिविल अस्पताल में सामान्य दिनों में प्रतिदिन करीब 40 मानसिक रोगों के मरीज आते है, वहीं इन दिनों में ओपीडी बढ़कर 50 से 55 तक पहुंच गई है।
बदलते मौसम में इन रसायनों के कारण होता है मानसिक रोगियों में इजाफा -
डा.पूनम दहिया का कहना है कि बदलते मौसम मे मानसिक रोगियों में बढ़ोतरी होने का मुख्य कारण सूरज की रोशनी का असर कम होना है। जिसके कारण रोगियों के दिमागी रसायनों पर प्रभाव पड़ता है। गर्मियों की अपेक्षा सूर्य की किरणों का असर सर्दियों में शरीर पर कम होता है, सूर्य की किरणों का सीधा संबंध मनुष्य के दिमाग में पाए जाने वाले मेलाटोनिन और सेरोटोनिन रसायनों पर पड़ता है। इससे इन रसायनों में उतार-चढ़ाव आता है। जिससे मानसिक राेगों के लक्षणों में बढ़ोतरी होती है। यह रसायन ही दिमागी गतिविधि को नियंत्रित करते है, इसलिए इन रसायनों में उतार चढ़ाव होना मानसिक रोगों के लक्षणों को उभारने का कारण बनता है। सेरोटोनिन ही मेलाटोनिन को पैदा करती है।
मानसिक रोगों से बचाव के लिए यह करें -
सुबह के समय सूर्य की रोशनी में ज्यादा देर बैठे।
हरी सब्जियां ज्यादा खाएं, संतुलित आहार लें।
शरीर में ताकत बनाएं रखने वाले पदार्थो का लगातार सेवन करें।
दवाएं नियमित रूप से लें।
नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
अपने आपको सकारात्मक माहौल में रखें।
परिवार के लोगों को मानसिक रोगियों का बदलते मौसम में खास ध्यान रखना चाहिए।
अगर अधिक समस्या आती है तो चिकित्सक से सलाह लेकर उपचार करवाएं।