Chaitra Navratri 2021 : चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु, इस बार नौ दिन के होंगे नवरात्र
नवरात्र इस बार पूरे नौ दिन रहेंगे। 21 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी। 12 अप्रैल की सुबह 8.01 बजे शुक्ल प्रतिपदा तिथि लगेगी जो कि 13 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 17 बजे तक रहेगी। उदयातिथि में प्रतिपदा तिथि होने से नवरात्र की शुरूआत 13 अप्रैल से हो चुकी।
हिसार, जेएनएन। चैत्र नवरात्रों की शुरूआत 13 अप्रैल से हो चुकी है। नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में श्रद्धालु उमड़े। कुछ लोगों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन किया तो कुछ ने लापरवाही भी दिखाई। वहीं इस बार खास बात यह है कि नवरात्र पूरे नौ दिन रहेंगे। 21 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी। 12 अप्रैल की सुबह 8.01 बजे शुक्ल प्रतिपदा तिथि लगेगी, जो कि 13 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 17 बजे तक रहेगी। उदयातिथि में प्रतिपदा तिथि होने से नवरात्र की शुरूआत 13 अप्रैल को होगी। इसी के साथ 13 अप्रैल को हिंदू नव वर्ष यानी नव संवत्सर 2078 शुरू होगा। नव सम्वत्सर 2078 विक्रम सम्वत् का नाम आनन्द है। इस नव सम्वत्सर का राजा मंगल तथा मंत्री भी मंगल ही रहेंगे। कैलाश पंचांग के ज्योर्तिविद एवं आध्यात्मिक वक्ता पंडित देव शर्मा ने बताया कि माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्र मनाए जाते हैं।
इस बार चैत्र नवरात्र मंगलवार से शुरू हुए हैं, जिसकी वजह से मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी। देवी मां जब भी घोड़े पर आती हैं, तो राष्ट्राध्यक्षों को आंतरिक समस्या तथा जनसाधारण लोगों में असन्तोष, बेचैनी व युद्ध की आशंका बढ़ जाती है। नवरात्र में मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्माण्डा, मां स्कन्दमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। प्रतिपदा को कलश स्थापन के साथ ही नवरात्र पर्व की शुरूआत होगी। घट स्थापन पर श्रीगणेश पूजन के साथ मां शैलपुत्री की पूजा होगी।
विवाह में बाधा या वैवाहिक जीवन सही नहीं हो तो मां की करें आराधना
भारतीय ज्योतिष अनुसंधान केंद्र पंडित राजेंद्र प्रसाद कौशिक की मानें तो हिंदू नव वर्ष आरंभ 13 अप्रैल मंगलवार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरंभ हो रहा है। इस वर्ष के राजा मंगल और मंत्री ही मंगल हैं मंगल वार वह अश्विनी नक्षत्र होने से अमृत सिद्धि योग में नवरात्र आरंभ हो रहे हैं अतः नवरात्रों की मुख्य देवी चामुंडा देवी है। चामुंडा देवी को लाल वस्त्र लाल फूल गरिष्ठ भोजन जैसे हलवा प्रिय हैं। इस बार पहला और आठवां नवरात्रा अति उत्तम है जो पूर्ण नवरात्रि ना कर सके वह पहला और आठवां अष्टमी मंगलवार को कन्याओं को भोजन वह हवन करें विशेष उन लोगों को के विवाह में बाधा हो या वैवाहिक जीवन सही नहीं चल रहा हूं वह अष्टमी मंगलवार को 6:52 सुबह के बाद हवन व कन्याओं को भोजन कराएं। जिन लोगों को घर बनाने में दिक्कत हो वह है अष्टमी मंगलवार 6:52 से पहले सुबह हवन करें व कन्याओं को भोजन कराएं यह नवरात्रे मंगलकारी हैं।