CGST fake bill case: रोहतक में गरीबों को लालच दे दस्तावेज हथियाए, बना डालीं 20 फर्जी फर्में

केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर(सीजीएसटी) में 600 करोड़ के फर्जी बिल प्रकरण में नया पर्दाफाश किया है। इन्हीं फर्मों के दम पर आरोपित ने फर्जीवाड़ा करके जयपुर दिल्ली हरियाणा रोहतक में बड़े पैमाने पर फर्जी बिलों का कारोबार खड़ा कर दिया।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 11:39 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 11:39 AM (IST)
CGST fake bill case: रोहतक में गरीबों को लालच दे दस्तावेज हथियाए, बना डालीं 20 फर्जी फर्में
केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर(सीजीएसटी) में 600 करोड़ के फर्जी बिल प्रकरण में नया पर्दाफाश हुआ है।

रोहतक, जेएनएन। केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर(सीजीएसटी) में 600 करोड़ के फर्जी बिल प्रकरण में नया पर्दाफाश हुआ है। साल 2018-2019 में पकड़ में आए फर्जी बिल घोटाले में मास्टर माइंड व दूसरे आरोपितों ने लालच देकर गरीबों के दस्तावेज हथियाए थे। जांच में यह भी सामने आया है कि तमाम लोगों से किन्हीं बहानों से भी दस्तावेज लिए गए। बाद में इन्हीं दस्तावेजों का उपयोग करके 20 फर्जी फर्म बना डाली। इन्हीं फर्मों के दम पर फर्जीवाड़ा करके जयपुर, दिल्ली, हरियाणा, रोहतक में बड़े पैमाने पर फर्जी बिलों का कारोबार खड़ा कर दिया।

पूरे मामले में जांच करने वाले अधिकारियों ने बताया कि महम, खिलवाड़ी, भैणी सुरजनपुर आदि गांवों से फर्जी बिल घोटाले के आरोपितों से दस्तावेज जुटाए थे। इसके बाद तमाम शहरों में बिल काटने वाली फर्जी फर्म खड़ी करते रहे। कुछ अकाउंट से लगातार करोड़ों के बिल भुगतान को लेकर केंद्र के अधिकारियों से लगातार इनपुट मिला। इसलिए जब खातों की जांच की गई तो फर्जी दस्तावेजों पर ही बैंक खाते खुलने के साक्ष्य मिले। बाद में उन सभी खातों के साथ ही फर्मों के लेनदेन का ब्योरा खंगाला गया। मामले भी दर्ज हुए। एक आरोपित गौरव कुमार को पकड़ा जा चुका है। जबकि जनता कालोनी निवासी अंकुर मित्तल को मास्टर माइंड माना जाता है।

नौकरी, गैस कनेक्शन दिलाने के नाम से भी हथियाए दस्तावेज

जांच में यह भी तथ्य सामने आए हैं कि किसी को निजी कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम से दस्तावेज जमा करा लिए गए। किसी से गैस कनेक्शन दिलाने तो कई लोगों से आवासीय योजना के तहत आवास दिलाने के नाम पर दस्तावेज मांगे गए। कुछ लोगों को पैसों का भी लालच दिया गया। जिन गरीबों के दस्तावेज हथियाए गए उनमें से कई लोगों से पूछताछ की गई। तब पूरे प्रकरण में घोटाला खुलकर सामने आने लगा। कमीशन के आधार पर फर्जी बिल तैयार किए जाते थे।

 2019 से तलाश, रेकी के बाद किया पीछा

सीजीएसटी के सूत्रों का कहना है कि साल 2018-2019 से ही मास्टर माइंड अंकुर मित्तल की तलाश थी। मामले के खुलासे के बाद से ही मास्टर माइंड गायब था। कुछ दिन पहले मास्टर माइंड की रेकी शुरू कराई। तब पता चला कि रोहतक में आरोपित आता है। इसलिए टीम ने पीछा भी किया। मंगलवार देर रात सीजीएसटी की टीम पर हमला भी किया। फिलहाल मास्टर माइंड का सहयोग करने वाले संदीप दूहन भी सामने आ चुका है। इसलिए इस मामले में अधिकारी गंभीर हो गए हैं।

 तीन माह में 27 करोड़ के राजस्व की वसूली

अधिकारियों का कहना है कि राजस्व की चोरी करने वालों को लगातार पकड़ा जा रहा है। फिलहाल दिल्ली से भी इनपुट लिया जा रहा है। बैंक खातों व फर्मों के लेनदेन को लेकर निगरानी का ही असर है कि राजस्व चोरी पकड़ी गई। पिछले तीन माह के अंदर ही बताया जा रहा है कि करीब 27 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया जा चुका है।

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