सीबीएसई 10वीं का रिजल्ट पैटर्न स्कूलों को नहीं आ रहा रास, बोले- मेधावी बच्चों के भविष्य पर पड़ेगा असर

स्कूलों के अनुसार सीबीएसई ने प्री बोर्ड इग्जाम के रिजल्ट को दरकिनार कर दिया है। स्कूल संचालकों के अनुसार ऐसा सीबीएसई ने 100 फीसद परीक्षा परिणाम के लिए किया है। लेकिन यह नहीं सोचा कि ऐसी नीतियों से बच्चों पर क्या असर पड़ेगा।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 05:34 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 05:34 PM (IST)
सीबीएसई 10वीं का रिजल्ट पैटर्न स्कूलों को नहीं आ रहा रास, बोले- मेधावी बच्चों के भविष्य पर पड़ेगा असर
सीबीएसई 10वीं का रिजल्ट 30 जून तक पोर्टल पर अपलोड करना है। लेकिन सिरसा के स्कूल संचालक असमंजस में हैं।

सिरसा/डबवाली, जेएनएन। सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) पंचकूला ने हरियाणा क्षेत्र में संबंधित स्कूलों को 10वीं का रिजल्ट 30 जून तक पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश जारी किए हैं। लेकिन जो नियम तय किए हैं, वो स्कूल संचालकों को रास नहीं आ रहे हैं।

सीबीएसई के मुताबिक विद्यालय पिछले तीन साल में सबसे अच्छे परीक्षा परिणाम के आधार पर रिजल्ट बना सकते हैं। शर्त यह होगी कि 26 फीसद से नीचे या फिर 26-40, 40-50, 50-60, 60-70, 70-80 फीसद के आधार पर रिजल्ट बनाना होगा। इसका मतलब है कि अगर 70 से 80 फीसद अंक लेने वाले ग्रुप में अगर उस वर्ष 30 फीसद बच्चे थे तो इस वर्ष भी 30 फीसद बच्चों को ही शामिल करना होगा। अन्य को पांच अन्य कैटेगरी में शामिल करना होगा। ऐसी स्थिति में होनहार बच्चों के अंकों में कटौती होना लाजिमी है। हालांकि इस बार सीबीएसई ने 30 फीसद सिलेबस कम किया था। उसका लाभ मेधावी बच्चों को मिलना था। लेकिन बोर्ड ने रियायत नहीं दी है।

सिरसा में 60 से ज्यादा सीबीएसई स्कूल 

सिरसा जिला में करीब 60 से ज्यादा विद्यालय सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त हैं। पिछले दिनों वेबिनार में क्षेत्रीय अधिकारी के साथ ढाई घंटे चली मीटिंग में खूब तकरार हुई। क्षेत्रीय अधिकारी ने सरकार के नियमों का हवाला देकर मजबूरी जाहिर कर दी। अब सिरसा जिले के निजी विद्यालय असमंजस में हैं कि पोर्टल पर रिजल्ट अपलोड करें या फिर अन्य स्कूलों की प्रतीक्षा करें।

प्री बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट अमान्य

स्कूल संचालकों के अनुसार सीबीएसई ने प्री बोर्ड इग्जाम के रिजल्ट को दरकिनार कर दिया है। जबकि यह रिजल्ट वे बच्चों को दे चुके हैं। शर्त रख दी है कि अगर कोई बच्चा सीबीएसई के रिजल्ट को नहीं मानता तो वह जब परीक्षा होगी तो दे सकता है। साथ ही जिन बच्चों ने प्री बोर्ड इग्जाम नहीं दिए, उनके लिए हिदायत दी कि उनसे ऑनलाइन 10 सवाल पूछकर रिजल्ट बनाया जा सकता है। स्कूल संचालकों के अनुसार ऐसा सीबीएसई ने 100 फीसद परीक्षा परिणाम के लिए किया है। लेकिन यह नहीं सोचा कि ऐसी नीतियों से बच्चों पर क्या असर पड़ेगा।

मेरिट पर पड़ेगा असर

सीबीएसई के फैसले से बच्चों की मेरिट पर असर पड़ेगा। विशेषज्ञ बताते हैं कि हरियाणा में निजी क्षेत्र में 75 फीसद नौकरियां हरियाणा के युवाओं को मिलनी है। मेरिट 10वीं या 12वीं के अंकों के आधार पर बनेगी। सीबीएसइ के फैसले से बच्चों के हाथों में कम अंकों वाला प्रमाण पत्र होगा तो वे चूक जाएंगे। चूंकि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने ऐसी कोई शर्त लागू नहीं की। बल्कि स्कूलों के आधार पर बच्चों के शैक्षणिक स्तर का मूल्यांकन करके परिणाम घोषित किया है। जिससे बच्चों के अंक 500 में से 500 आए हैं।

फैसला बच्चों के भविष्य के लिए अवरोधक

रमेश सचदेवा प्रिंसिपल एचपीएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल शेरगढ़ ने कहा कि बोर्ड का फैसला बच्चों तथा स्कूल के भविष्य के लिए अवरोधक है। मेधावी बच्चे खुद को हीन भावना की नजर से देखेंगे। अधिकांश अभिभावक दोषारोपण विद्यालयों पर करेंगे। जबकि विद्यालय सबको असहाय महसूस कर रहे हैं।

प्री बोर्ड इग्जाम का महत्व खत्म हो जाएगा

सुल्तान सुथार एमडी स्वामी विवेकानंद सीनियर सेकेंडरी स्कूल गोरीवाला ने कहा कि सीबीएसई का फैसला पूर्णतया गलत है। इस फैसले से उन बच्चों पर असर पड़ेगा, जिन्होंने साल भर पूरी मेहनत की। रेगुलर लाइव क्लास लगाई थी। उनके नंबरों में कटौती होगी। प्री बोर्ड इग्जाम का महत्व इस फैसले से खत्म हो जाएगा। सीबीएसई को फैसले पर पुन: विचार करना चाहिए।

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