टीकरी बॉर्डर के मंच से आंदोलनकारियों की कॉल, खत्म हो रहा है राशन, ट्रैक्टरों में सामान लेकर पहुंचे किसान
आंदोलनकारियों का एक तरफ मनोबल बढ़ाया है तो दूसरी तरफ कोरोना संकट के बीच दिल्ली के बॉर्डरों पर फिर से भीड़ बढ़ाने की कवायद की जा रही है। सभा स्थल पर तो किसान जुट रहे हैं मगर बाकी आंदोलन स्थल पर सन्नाटा सा पसरा रहता है।
बहादुरगढ़, जेएनएन। पांच राज्यों के चुनावी नतीजों ने आंदोलनकारियों का एक तरफ मनोबल बढ़ाया है तो दूसरी तरफ कोरोना संकट के बीच दिल्ली के बॉर्डरों पर फिर से भीड़ बढ़ाने की कवायद की जा रही है। सभा स्थल पर तो किसान जुट रहे हैं, मगर बाकी आंदोलन स्थल पर सन्नाटा सा पसरा रहता है। दूध-पानी की लगातार किल्लत हो रही है। कोरोना का संकट बढ़ गया है तो मुश्किलें और ज्यादा हैं। इस बीच मंगलवार को टीकरी बॉर्डर के मंच से आंदोलनकारियों ने आह्वान किया कि बॉर्डर पर राशन खत्म हो रहा है।
ऐसे में गांव-गांव से किसान अपने ट्रैक्टरों में राशन लेकर पहुंचे। अब खेतों में कार्य भी लगभग खत्म हो गया है। भारतीय किसान यूनियन घासीराम के प्रदेश अध्यक्ष जोगेंद्र नैन ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की कॉल पर हरियाणा खरा उतरा है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों को कोई कोरोना नहीं है। हमने भाजपा और जजपा के किसी विधायक को गांव में नहीं घुसने दिया। पंजाब में भी ऐसा ही हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को गन्ने का भाव ठीक नहीं दिया है।
उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारियों का राशन खत्म होने जा रहा है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसानों को ट्रैक्टरों में छह महीने का राशन लेकर यहां पहुंचना चाहिए। यह आंदोलन लंबा चलेगा। हमें सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। आंदोलन को अब तेज करना है और जीतकर ही वापस जाना है। यहां पर सभा के बीच हरियाणा के किसान नेता विकास सीसर के पिता के निधन पर शोक जताया गया।
सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के 32 संगठन तय करेंगे रणनीति :
पंजाब की कीर्ति किसान यूनियन के उपाध्यक्ष राजिंद्र सिंह ने बताया कि बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के 32 संगठनों की बैठक होगी। इसमें रणनीति तय की जाएगी। इसके बाद एक-दो दिन के अंदर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आगामी रणनीति बनाई जाएगी। किसान अपनी मांग पर अडिग हैं।