बहादुरगढ़ सिविल अस्पताल में नहीं हो रही सिजेरियन डिलीवरी, प्रशासनिक विंग पर लटका ताला

मरीज बोले- कोरोना का बहाना बनाकर अस्पताल में करीब 15 दिन से सिजेरियन डिलीवरी भी नहीं हो रही है। महिलाओं को कोरोना का बहाना बनाकर पीजीआइ रोहतक रेफर किया जा रहा है। सिजेरियन डिलीवरी वाली गर्भवती महिलाओं को बताया जा रहा है कि ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव हैं

By Manoj KumarEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 09:21 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 09:21 PM (IST)
बहादुरगढ़ सिविल अस्पताल में नहीं हो रही सिजेरियन डिलीवरी, प्रशासनिक विंग पर लटका ताला
सिविल अस्पताल में फैली हैं अव्यवस्थाएं, कोविड वार्ड में समय पर नहीं होती मरीजों की कोई संभाल

बहादुरगढ़, जेएनएन। कोरोना काल में सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों को धक्के खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कोरोना पीड़ित लोगों को कोविड वार्ड में पर्याप्त इलाज नहीं मिल रहा है और ना ही इमरजेंसी में किसी मरीज की ठीक तरह से सुनवाई हो रही है। मरीजों का कहना है कि कोरोना का बहाना बनाकर अस्पताल में करीब 15 दिन से सिजेरियन डिलीवरी भी नहीं हो रही है। महिलाओं को कोरोना का बहाना बनाकर पीजीआइ रोहतक रेफर किया जा रहा है।

सिजेरियन डिलीवरी वाली गर्भवती महिलाओं को अस्पताल स्टाफ की ओर से बताया जा रहा है कि ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव हैं। ऐसे में अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी नहीं की जा सकती। इस कारण गर्भवती महिलाओं व उनके स्वजनों को रोहतक जाना पड़ रहा है या फिर प्राइवेट अस्पतालों में जेब ढीली करनी पड़ रही है।

इसके अलावा भी अस्पताल में कई तरह की अव्यवस्थाएं फैली हुई हैं। यहां मरीजों की सुनने वाला कोई नहीं है। कोरोना काल में जहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की छुट्टियां रद हैं वहीं शुक्रवार को अस्पताल के प्रशासनिक विंग पर ही ताला लटका मिला। अगर इमरजेंसी व कोरोना वार्ड में किसी मरीज को समय पर इलाज नहीं मिलता तो वह इसकी शिकायत भी कर सकता।

आइये जानें पीड़ितों की जुबानी

..मैं अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर सिविल अस्पताल में गया था। यहां पर 10 दिन पहले आया तो बताया कि सिजेरियन होगा। एक सप्ताह बाद आना। निर्धारित दिन आया तो बताया गया कि जिस डॉक्टर ने ऑपरेशन करना है, वो कोरोना पॉजिटिव हैं और उसे रोहतक रेफर कर दिया। मुझे मजबूरन अपनी पत्नी को रोहतक ले जाना पड़ा।

---राेहित, आसौदा।

मैं कोरोना पॉजिटिव हो गया था। अस्पताल के ट्रामा सेंटर स्थित कोविड वार्ड में भर्ती था। यहां पर न तो समय पर इंजेक्शन लगे और ना ही दवाइयां दी गई। सीरियस कंडीशन में भी प्रथम मंजिल से चिकित्सक व नर्स को ढूंढने आता, मगर अधिकांश बार वे नहीं मिलते। मैं एक सप्ताह यहां एडमिट रहा लेकिन अस्पताल में कोई केयर नहीं मिली। एक बार तो शुगर का इंजेक्शन मैंने खुद ही लगाना पड़ा।

----पंकज, नई बस्ती।

..सिविल अस्पताल में बेहोशी विशेषज्ञ चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। यहां तैनात तीन अन्य चिकित्सक डेपुटेशन पर चल रहे हैं। इस वजह से सिजेरियन नहीं किया जा रहा है।

---डा. सुमन कोहली, प्रभारी, महिला रोग विंग, सिविल अस्पताल, बहादुरगढ़।

..सिविल अस्पताल बहादुरगढ़ में इतनी अव्यवस्थाएं फैली हुई हैं, इसकी मुझे जानकारी नहीं हैं। कोरोना काल में सभी डॉक्टरों को स्टेशन छोड़कर न जाने के आदेश दिए गए हैं। मैं संबंधित अधिकारियों से इस बारे में जवाब तलब करूंगा और आवश्यक कार्रवाई करूंगा। संबंधित अधिकारियों व चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

----डा. संजय दहिया, सीएमओ, झज्जर।

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