Bhiwani News: प्राइमरी स्कूलों की बिल्डिंग हो रही जर्जर, हादसे का बना रहता है डर, अध्यापक बोले कई बार शिकायतों को किया जा रहा अनसूना

भिवानी में सरकारी प्राइमरी स्कूलों की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है। उनकी छत टपक रही है तो खिड़की जंगले दरवाजे फर्श और चारदीवारी खराब हो चुके हैं। कई बिल्डिंग तो ऐसी हैं जो कभी भी बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 08:14 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 08:14 PM (IST)
Bhiwani News: प्राइमरी स्कूलों की बिल्डिंग हो रही जर्जर, हादसे का बना रहता है डर, अध्यापक बोले कई बार शिकायतों को किया जा रहा अनसूना
भिवानी में प्राइमरी स्कूलों की हालत खराब।

सुरेश मेहरा, भिवानी। बरसाती सीजन में प्राइमरी स्कूलों की छत टपक रही हैं। ऐसे में बच्चे कैसे पढ़ाई करें। अभिभावक और गुरु जी खुद चिंतित हैं। प्राइमरी स्कूलों में सबसे ज्यादा परेशानी हो रही हैं। जिला के 438 सरकारी प्राइमरी स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक 48 हजार 632 बच्चे पढ़ते हैं। इन स्कूलों में 70 से 100 स्कूल ऐसे हैं जिन की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है। उनकी छत टपक रही है तो खिड़की, जंगले, दरवाजे, फर्श और चारदीवारी खराब हो चुके हैं। कई बिल्डिंग तो ऐसी हैं जो कभी भी बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। समय रहते शिक्षा विभाग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।

ग्रांट समय पर नहीं आती और वित्त वर्ष पूरा होने पर वापस चली जाती है

अध्यापकों की माने तो स्कूल बिल्डिंग की मरम्मत के लिए ग्रांट बहुत कम आती है। ग्रांट आती भी है तो फरवरी और मार्च माह में आती है। यह ग्रांट स्कूल में बच्चों की संख्या के आधार पर 25 हजार से एक लाख रुपये तक होती है। मार्च माह में रुपये रिलीज नहीं होते और अगला सत्र होते ही यह ग्रांट वापस चली जाती है। ऐसे में स्कूलों की हालत जस की तस रह जाती है।

इस बार 25 फीसदी ग्रांट महामारी के नाम पर कम दी गई

हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के जिला संरक्षक अशोक चाहार ने कहा शिक्षा विभाग ने इस बार जो ग्रांट जारी की है वह 25 फीसदी कम है। वह इसलिए कि महामारी से बचाव के लिए जरूरी चीजों पर इस राशि का खर्च किया है। इस बरसाती सीजन में स्कूलों की हालात ऐसी बनी है कि बच्चों को जर्जर बिल्डिंग में बैठाने से भी डर लगता है। अव्वल तो बच्चे कम आ रहे हैं। महामारी ने बच्चों की पढ़ाई चौपट कर दी। अब थोड़े बहुत आने लगे हैं तो बरसात ने पढ़ाई प्रभावित की है। सरकारी प्राइमरी स्कूलों की हालत सबसे ज्यादा डराने वाली है।

स्कूलों की पराेपर मरम्मत पर भी विभाग ध्यान दे

यह बेमौसमी बरसात प्राइमरी स्कूलों ओर यहां पढ़ने वाले बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रही है। प्रशासन ने 30 सितंबर तक अलर्ट जारी किया है। जिन स्कूलों की बिल्डिंग ज्यादा जर्जर है वहां पर बच्चों की जान तक का खतरा बना रहता है। ऐसी स्थिति न आए इसलिए विभाग ध्यान दे।

हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन

शिक्षा विभाग ग्रांट देता है स्कूल मुखिया गंभीरता दिखाएं तो सुधर सकती है स्कूलों की हालत 

जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रामअवतार शर्मा के अनुसार जिला में कुछ स्कूलों की बिल्डिंग की हालत सही नहीं है यह ठीक है। शिक्षा विभाग स्कूलों को ग्रांट देता है। समय पर स्कूल मुखिया ग्रांट का प्रयोग कर सकता है। इसके अलावा यूडाइस नामक प्रफोर्मा भर कर स्कूल मुखिया भेज सकते हैं। इसके तहत सर्वशिक्षा अभियान के तहत भी ग्रांट मिलती है। इसके अलावा स्कूल मुखिया ग्रांट की डिमांड किसी भी समय करता है तो भी मिल सकती है। स्कूल मुखिया जिम्मेदारी समझ कर काम करें।

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