ग्रामीण व शहरी निकायों की आर्थिक मजबूती को लेकर मंथन

चेयरमैन पी राघवेंद्र राव की अध्यक्षता में राज्य वित्तायोग की मंडल स्तरीय बैठक आयोजित

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 08:12 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 08:12 AM (IST)
ग्रामीण व शहरी निकायों की आर्थिक मजबूती को लेकर मंथन
ग्रामीण व शहरी निकायों की आर्थिक मजबूती को लेकर मंथन

- चेयरमैन पी राघवेंद्र राव की अध्यक्षता में राज्य वित्तायोग की मंडल स्तरीय बैठक आयोजित

- मंडलायुक्त चंद्रशेखर, उपायुक्तों तथा निगमायुक्त ने दिए सुझाव फोटो- 33 व 34

जागरण संवाददाता, हिसार: हरियाणा राज्य के छठे वित्त आयोग के चेयरमैन पी राघवेंद्र राव की अध्यक्षता में मंगलवार को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कमेटी हाल में मंडल स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में ग्रामीण व शहरी स्थानीय निकायों की कार्यप्रणाली में सुधार तथा आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए मंडलायुक्त, जिलों के उपायुक्तों, निगम आयुक्त व अन्य अधिकारियों से सुझाव लिये गए। राज्यों के सभी जिलों से सुझाव लेकर आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट सरकार को दी जाएगी। बैठक में मण्डलायुक्त चंद्रशेखर, हिसार की उपायुक्त डा प्रियंका सोनी, जींद के उपायुक्त नरेश नरवाल, फतेहाबाद के उपायुक्त महाबीर कौशिक, सिरसा के उपायुक्त अनीश यादव, नगर निगम के आयुक्त अशोक गर्ग, आयोग सलाहकार आर के महत्ता, डॉ महिपाल सहित विभिन्न जिलों के अतिरिक्त उपायुक्त व जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मौजूद रहे। निकायों की आर्थिक उन्नति के रास्ते तलाशने के दिए निर्देश

आयोग के चेयरमैन पी राघवेंद्र राव ने कहा कि बैठक में रखे गए सुझावों के संदर्भ में प्रत्येक जिले से इस सप्ताह तक पूर्ण विवरण सहित रिपोर्ट आयोग को भेज दी जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों की मजबूती की दिशा में जरूरी कदम उठाना आयोग की प्राथमिकता है, इसके लिए सभी जिलों में ऐसे क्षेत्रों या मदों की पहचान की जाए, जहां खर्च तो बहुत ज्यादा है, लेकिन उसके लाभ काफी सीमित हैं। मंडल कमिश्नर ने यह दिया सुझाव

बैठक में मंडलायुक्त चंद्रशेखर ने सुझाव रखते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत भूमि आय में बढ़ोतरी का बड़ा साधन हो सकती है। इसके लिए पंचायती भूमियों को इ-आक्शन के माध्यम से आवंटित किया जा सकता हैं। इस प्रकार की आवंटित भूमियों पर फसल विविधीकरण जैसे लक्ष्यों की प्राप्ति भी होगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि गांवों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में वहां बैंकविट हाल, रिजोर्ट, शॉपिग क्षेत्र इत्यादि स्थापित कर इन्हें स्थायी आय का माध्यम बनाया जा सकता है। इस प्रकार से मिलने वाली राशि को गांवों में ही कौशल विकास केंद्र, पुस्तकालय, कोचिग संस्थान, वैलनेस सेंटर तथा खेल गतिविधियों पर खर्च किया जा सकता है। इसके अलावा विभिन्न कार्यों के लिए दी जाने वाली भूमि कलेक्टर रेट पर ही आवंटित हो।

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हिसार की डीसी ने यह दिया सुझाव

उपायुक्त डा प्रियंका सोनी ने कहा कि स्थानीय निकायों की मजबूती के लिए कर वसूली, यूजर चार्ज, अन्य प्रकार की फीस की वसूली को लेकर प्रणाली मजबूत होनी चाहिए। ग्राम पंचायतों के पास पर्याप्त स्टाफ होना चाहिए और पंचायतों के कार्यों में आईटी तथा जीआईएस मेपिग का समावेश होना चाहिए। पंचायती राज संस्थाओं के कार्यों के लिए अधिकारियों को स्थायी तौर पर लगाया जाना चाहिए, न कि उन्हें अतिरिक्त चार्ज दिया जाए।

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जींद डीसी ने टेक्सेशन विग लाने का दिया सुझाव

जींद के उपायुक्त नरेश नरवाल ने संपति कर वसूली में सुधार के लिए टैक्सेशन विग स्थापित कर इसे सशक्त बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि गांवों की सड़कें पंचायतों द्वारा ही बनाई जानी चाहिए। विकास कार्यों की आडिटिग में ग्राम सभाओं की अहम भूमिका होनी चाहिए। फतेहाबाद डीसी ने जवाबदेही तय करने की बात कही

फतेहाबाद के उपायुक्त महाबीर कौशिक ने सुझाव दिया कि विकास कार्यों के लिए जवाबदेही का तय होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक लाख से ऊपर के सभी कार्यों को ई-टेंडर किया जाना चाहिए।

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सिरसा के उपायुक्त ने

सिरसा के उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि ग्राम पंचायतों को मजबूत बनाने के लिए उन्हें अधिक विकास राशि दी जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त प्रापर्टी के पंजीकरण व इसके लेनदेन में स्टांप ड्यूटी का कुछ हिस्सा गावों के विकास पर खर्च किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित होने वाले होटल, बैंकविट हाल, स्कूल इत्यादि के लिए पंजीकरण शुल्क लगाया जा सकता है।

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निगम कमिश्नर ने इकोफ्रेंडली परियोजना पर दिया जोर

निगमायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने सुझाव दिया कि स्थानीय निकायों में विभिन्न परियोजनाएं इकोफ्रेंडली होनी चाहिए। निगम की खाली पड़ी भूमियों पर सौर ऊर्जा प्लांट व इस प्रकार की अन्य गतिविधियां आय को बढ़ाने में सहायक हो सकती हैं।

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