हौंसले को सलाम, दिव्यांग होने के बावजूद भी विकास पहुंच जाता है रक्तदान करने

कौन कहता है कि रक्तदान से कमजोरी आती है जानो लहू की कीमत जिससे लोगों की जान बचाई जाती है सीमा पर लड़ते हैं फौजी तो विजय पताका लहराते हैं हम थोड़ा सा रक्त दान करके लोगों की जान बचाते हैं। कुछ ऐसा ही जज्बा देखने का मिला रविवार को रक्तदान शिविर के दौरान।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 08:46 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 08:46 PM (IST)
हौंसले को सलाम, दिव्यांग होने के बावजूद भी विकास पहुंच जाता है रक्तदान करने
हौंसले को सलाम, दिव्यांग होने के बावजूद भी विकास पहुंच जाता है रक्तदान करने

संवाद सहयोगी, हांसी : कौन कहता है कि रक्तदान से कमजोरी आती है, जानो लहू की कीमत जिससे लोगों की जान बचाई जाती है, सीमा पर लड़ते हैं फौजी तो विजय पताका लहराते हैं, हम थोड़ा सा रक्त दान करके लोगों की जान बचाते हैं'। कुछ ऐसा ही जज्बा देखने का मिला रविवार को रक्तदान शिविर के दौरान। हांसी में सावन कृपाल रूहानी मिशन की ओर से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था। रक्तदान शिविर में 90 लोगों ने मुस्कुराते हुए हिस्सा लिया। सबसे बड़ी बात थी कि इस दौरान एक दिव्यांग युवक भी रक्तदान करने पहुंचा। कैंप में मौजूद सभी लोग उसके हौसले का सलाम कर रहे थे। विकास नाम का यह युवक दूसरी बार रक्तदान करने पहुंचा था। विकास का कहना था कि आज समाज की परेशानी का कारण भ्रांतियां हैं और रक्तदान को लेकर भी कुछ भ्रांतियां हैं। इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए प्रबुद्ध वर्ग को आगे आने की जरूरत है। हमें लोगों को बताना होगा कि रक्तदान से कमजोरी नहीं आती, बल्कि यह सोचने के साथ ऊर्जा बढ़ जाती है कि हमारा लहू किसी की जान भी बचा सकता है।

रक्तदान कराने हेतु स्वास्थ्य विभाग की टीम अपने वाहन के साथ पहुंची। 90 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराकर रक्तदान किया। शिविर में दोनों पैर से विकलांग व्यक्ति विकास ने भी रक्तदान किया। विकास हांसी में चारकुतुब क्षेत्र का रहने वाला है। विकास चारकुतुब पर ही एक कबाड़ की दुकान पर काम करता है। वह कबाड़ का सामान अलग-अलग करने का काम कर अपना गुजारा करता है। साथ ही वह ब्लड डोनेट करने के लिए भी हर समय तैयार रहता है। जब भी उसे पता चलता है कि किसी जरूरत मंद को खून की कमी है तो वह वहां पर पहुंच जाता है। उसके दोस्त सोनू का कहना है कि उनके द्वारा अनेक संस्थाओं को फोन नंबर दिया हुआ है। वे स्वयं भी कई बार रक्तदान कर चुके है। जब भी किसी को खून की जरूरत होती है तो वे फोन करके हमें सूचना दे देते है और वे वहां पर पहुंच कर रक्तदान करने का काम करते है। सोनू ने बताया कि वे धीरे-धीरे अपनी एक टीम बना रहे है। ताकि वे ग्रुप में किसी भी जरूरतमंद की सहायता कर सकें।

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