Black Fungus: अब बहादुरगढ़ में भी सामने आया ब्लैक फंगस का आशंकित मामला, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

पंकज ने बताया कि वे पिछले दिनों कोरोना संक्रमित हो गए थे। एक सप्ताह से ज्यादा समय तक इलाज चला। इलाज के बाद संक्रमण मुक्त होकर मैं घर आ गए था लेकिन एक- दो दिन के अंदर ही मेरे गाल होंठ और आंख में सूजन आ गई।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 05:39 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 05:39 PM (IST)
Black Fungus: अब बहादुरगढ़ में भी सामने आया ब्लैक फंगस का आशंकित मामला, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
बहादुरगढ़ में ब्‍लैक फंगस का मामला सामने आया है और रोगी की आंखों पर सूजन आ गई है

बहादुरगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके शुगर के मरीजों के लिए अब ब्लैक फंगस मुसीबत बन रहा है। इस तरह का एक आशंकित मामला बहादुरगढ़ में भी सामने आया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने अभी पुष्टि नहीं की है, मगर अलर्ट हो गया है। संबंधित मामलों में जानकारी ली जा रही है। बहादुरगढ़ निवासी पंकज मीडिया से जुड़े हैं। पंकज ने बताया कि वे पिछले दिनों कोरोना संक्रमित हो गए थे।

सिविल अस्पताल में उन्हें 29 अप्रैल को भर्ती कराया गया था। एक सप्ताह से ज्यादा समय तक इलाज चला। शुगर पहले से ही ज्यादा रहती है। इलाज के बाद संक्रमण मुक्त होकर मैं घर आ गए था, लेकिन एक- दो दिन के अंदर ही मेरे गाल, होंठ और आंख में सूजन आ गई। डाक्टरों से सलाह ली। इसके बाद मैं जांच के लिए दिल्ली के गंगाराम अस्पताल पहुंचा। चेकअप में पुष्टि हुई कि यह ब्लैक फंगस है जो शुरुआती स्टेज पर है। फिलहाल ऑपरेशन ही इसका इलाज है।

शुगर के मरीजों में रहती है संभावना

कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे शुगर के मरीजों में इस तरह के ब्लैक फंगस की संभावना रहती है। ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इस तरह के केस इक्का-दुक्का हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए मरीज को स्टेरॉयड दिया जाता है। ऐसे में जिनको शुगर रहती है, उनको स्टेरॉयड के बाद इस फंगस की चपेट में आने की संभावना बढ़ रही है। बहादुरगढ़ में इस तरह का यह पहला मामला सामने आया है। ऐसी स्थिति होने पर ऑपरेशन भी करवाना पड़ सकता है। रोहतक पीजीआई में इसके ऑपरेशन भी हो चुके हैं। इससे अंग डैमेज होने से लेकर रोगी के अंधा होने का भी खतरा रहता है।

---सीएमओ झज्‍जर डॉ. संजय दहिया ने कहा कि ब्लैक फंगस का कोई मामला अधिकारिक रूप से तो विभाग के संज्ञान में नहीं आया है। फिलहाल इस तरह के जिले में कितने मामले हैं, इसका विभाग के पास रिकॉर्ड नहीं है। हर तरह की स्थिति को लेकर विभाग सजग है और गंभीरता से जुटा है।

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