अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के 8 मरीज उपचाराधीन, बढ़ रही संक्रमितों की चिंता
ब्लैक फंसग बीमारी कोरोना पीड़ित मरीजों में देखने को मिल रही है जो डायबिटीज सहित अन्य क्रिटिकल बीमारी से ग्रस्त है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है। ब्लैक फंगस के कारण सिर दर्द बुखार आंखों में दर्द नाक बंद या साइनस के अलावा देखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
हिसार/अग्रोहा, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के साथ एक नई बीमारी म्यूकोरमायकोसिस संक्रमण यानि ब्लैक फंगस के मरीज सामने आ रहे है। अग्रोहा मेडिकल के कोरोना अस्पताल व इमरजेंसी वार्ड में ब्लैक फंगस के कुल और मरीज उपचाराधीन है। उपचाराधीनों में पांच महिलाएं, जिनमें दो भिवानी के मुंढाल,लीलस से दो फतेहाबाद के बोस्ती व दौलतपुर से, जिला हिसार से एक सेक्टर-14 निवासी व गांव खेदड़ व खैरमपुर और एक मोठ से वहीं तावडू जिला मेवात से तथा एक सिरसा के गांव मम्मड़ कलां से है।
मेडिकल डायरेक्टर डा. गितिका दुग्गल ने बताया कि यह बीमारी कोरोना पीड़ित मरीजों में देखने को मिल रही है जो डायबिटीज सहित अन्य क्रिटिकल बीमारी से ग्रस्त है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है। ब्लैक फंगस के कारण सिर दर्द, बुखार, आंखों में दर्द, नाक बंद या साइनस के अलावा देखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
म्यूकोरमायकोसिस संक्रमण यानि ब्लैक फंगस के संक्रमण से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है तो यह फंगस शरीर पर हमला कर देता है। नाक से शुरू होने वाला यह संक्रमण आंखों और मस्तिष्क तक भी पहुंच जाता है। यदि समय रहते इस फंगल का उपचार नहीं किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। ईएनटी विशेषज्ञ डा. गजानन ने बताया म्यूकोरमायकोसिस संक्रमण अथवा ब्लैक फंगस का संक्रमण सबसे पहले नाक से शुरू होता है जो बाद में आंख, जबड़े, दिमाग व शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित करता है।
जैसे नाक में दर्द नाक बंद हो जाना जबड़े में दर्द आंखों में सूजन,धुंधलापन आंखों में दर्द बुखार,सीने में दर्द होना खांसी,सांस लेने में तकलीफ होना इसके साथ दिमाग पर प्रभाव डालना। डा. गजानन ने बताया कि इस प्रकार के लिए मरीजों के लिए चिकित्सकों की एक पूरी टीम उपचार में लगती है जिनमें आंख रोग विशेषज्ञ के साथ,इएनटी,मेडिसन,सर्जन के आपसी तालमेल से रोगी का उपचार किया जाता है।
कोविड संक्रमण से ठीक होने के बाद किया हमला
- हिसार सेक्टर 14 निवासी उपचाराधीन मरीज के स्वजनों ने बताया कि उनको कोरोना लक्षणों के चलते अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल करवाया गया था। उपचार के बाद उनकी रिर्पोट नेगेटिव आ गई लेकिन करीब दस दिनों बाद उनके चेहरे और आंखों में सूजन आ गई,आंखों से कम दिखाई देने लगा व इसके साथ सांस लेने में तकलीफ होने लगी। तो उन्हे मेडिकल कालेज अग्रोहा में उपचार के लिए दाखिल करवाया गया।
कोविड अस्पताल में इतने रहे उपचाराधीन अग्रोहा मेडिकल कालेज डायरेक्टर डा. गितिका दुग्गल ने बताया कि रविवार सांय तक मेडिकल कालेज के कोरोना अस्पताल में कुल 196 कोरोना संक्रमित उपचाराधीन थे जिनमें रविवार को दस नए कोरोना संक्रमितों को एडमिट किया गया। वहीं 9 कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने के बाद उन्हे कोरोना वार्ड से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया। इसके साथ रविवार को पांच क्रिटिकल कोरोना संक्रमितों की उपचार के दौरान मौत हो गई।