आंदोलन में युवक को जिंदा जलाने का मामला : कसार में मृतक के घर पहुंचे बीजेपी राज्‍यसभा सदस्‍य डीपी वत्स

भाजपा के राज्यसभा सदस्य रिटायर्ड जनरल डीपी वत्स मृतक मुकेश के घर शोक जताने पहुंचे। उनके सामने भी स्वजनों और ग्रामीणों द्वारा पीड़ित परिवार के लिए आर्थिक मदद के साथ ही आंदोलनकारियों से होने वाली परेशानी रखी। इस पर आश्‍वासन भी मिला।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 08:14 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 08:14 PM (IST)
आंदोलन में युवक को जिंदा जलाने का मामला : कसार में मृतक के घर पहुंचे बीजेपी राज्‍यसभा सदस्‍य डीपी वत्स
कसार गांव में मृतक मुकेश के घर स्‍वजनों से बात‍चीत करते हुए राज्‍यसभा सदस्‍य डीपी वत्‍स

बहादुरगढ़, जेएनएन। आंदोलन में गए कसार गांव के युवक को जिंदा जलाने के मामले में बुधवार को भाजपा के राज्यसभा सदस्य रिटायर्ड जनरल डीपी वत्स मृतक मुकेश के घर शोक जताने पहुंचे। उनके सामने भी स्वजनों और ग्रामीणों द्वारा पीड़ित परिवार के लिए आर्थिक मदद के साथ ही आंदोलनकारियों से होने वाली परेशानी रखी। साथ ही गांव के नजदीक तंबू लगाए बैठे आंदोलनकारियों को कुछ दूरी पर शिफ्ट कराने की मांग भी उठाई। इस दौरान दलाल खाप के प्रवक्ता मान सिंह भी यहां पहुंचे थे।

उन्होंने बताया कि खाप इस बिंदु पर विचार विमर्श कर रही है। गांव के जिस रास्ते पर आंदोलनकारियों के तंबू हैं, उन्हें कुछ दूरी पर शिफ्ट करने का प्रयास किया जाएगा, ताकि रास्ता प्रभावित न हो। किसी तरह की हुल्लड़बाजी को भी बंद करवाया जाएगा। मृतक के परिवार की आर्थिक मदद के लिए भी खाप प्रयास कर रही है। वहीं सांसद डीपी वत्स ने कहा कि मृतक के आश्रितों की आर्थिक मदद की मांग मुख्यमंत्री के सामने रखी जाएगी। जहां तक आंदोलन का विषय है, तो यह केंद्र सरकार के स्तर का मसला है। उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर किसी भी तरह से भाईचारा खराब न हो, इसका सभी ध्यान रखे। दोषियों पर कार्रवाई को लेकर कानून अपना काम कर रहा है।

मरने से पहले मृतक की डाक्टर द्वारा बनाई वीडियो है आधार

इस मामले में कई वीडियो सामने आ चुकी है। एक वीडियो आंदोलन स्थल पर घटना के तुरंत बाद बनाए जाने की बात सामने आई है। उसमें काफी अंधेरा है। ठीक से कुछ दिखाई नहीं दे रहा। उस वीडियो के आधार पर संयुक्त मोर्चा द्वारा इस मामले को आत्महत्या बताया जा रहा है। तर्क दिया जा रहा है कि मुकेश ने खुद घरेलू कारणों से आग लगाई। जबकि दूसरी वीडियो अस्पताल में सरपंच द्वारा बनाई गई। इसमें मुकेश से पूछा गया कि आग उसने खुद लगाई या किसी और ने लगाई तो मुकेश ने बताया कि वहां पर सफेद कपड़े वाले ने उसे आग लगाई। उसने अप्रत्यक्ष रूप से आरोपित कृष्ण का नाम लिया था, जिसे गिरफ्तार किया जा चुका है। मगर इस मामले में पुलिस ने इन दोनों वीडियो से पहले उस वीडियो को कानूनी रूप से आधार माना है, जो अस्पताल में डाक्टर द्वारा बनाई गई। उसमें मुकेश बता रहा है कि उसके ऊपर तेल डालकर आग लगाई गई। पुलिस का कहना है कि इमरजेंसी में डाक्टर को दिया गया बयान ही किसी भी मरने वाला का कानूनी बयान माना जाता है।

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