Sirsa Municipal Council: नगर परिषद में भेड़ें लेकर पहुंचे भाजपा जिलाध्यक्ष, अधिकारियों से कहा काम करो या फिर भेड़ चराओ
सिरसा में नगर परिषद में प्लांटों के आनलाइन प्रापटी आइडी बनाने में आ रही परेशानी है। जिसके चलते भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य देवी अनोखे अंदाज में नगर परिषद कार्यालय में पहुंचकर प्रदर्शन किया। जहां अचानक ही परिषद कार्यालय में भेड़ों का झुंड अंदर आ गया।
सिरसा, जागरण संवाददाता: सिरसा में नगर परिषद में प्लांटों के आनलाइन प्रापटी आइडी बनाने में आ रही परेशानी से आम आदमी ही नहीं भाजपा जिलाध्यक्ष भी परेशान है। भाजपा जिलाध्यक्ष आदित्य देवी का कहना है कि वे प्रापटी आइडी को लेकर तीन बार खुद आ चुके हैं और आठ बार आदमी भेजा था परंतु काम नहीं हुआ। शुक्रवार को उन्होंने अनोखे अंदाज में नगर परिषद कार्यालय में पहुंचकर प्रदर्शन किया। पत्रकार वार्ता बुलाकर अचानक ही परिषद कार्यालय में भेड़ों का झुंड अंदर आ गया। आदित्य देवीलाल खुद हाथ में डंडा लिये भेड़ों को हांकते हुए दिखाई दिये। अधिकारियों से बोले कि या तो हम भेड़ है या सुनवाई करो। या तुम भेड़ चराओ क्यों दफ्तरों में बैठे हो।
जिलाध्यक्ष के अनुसार
भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि वे उनकी खुद की जमीन है। 1997 से वे मालिक है, जमीन उनके नाम रजिस्टर्ड है। जमाबंदी तौर पर भी वे मालिक है। 2010 में उन्होंने करोड़ों रुपये फीस भरकर क्लोनाइजिंग का लाइसेंस लिया था। 2010 में डीटीपी ने उनकी कालोनी को लाइसेंस दिया था। कालोनी का नक्शा पास है और अब कालोनी के कुछ प्लांटों को अन अथोराइज्ड दिखाया जा रहा है। कर्मचारी कह रहे हैं कि कंप्यूटर बोल रहा है अनअथोराइज्ड है। उन्होंने कहा कि नगर परिषद में नेक्सेस चल रहा है जो आधी कालोनी को अप्रुव और आधी को अनलीगल दिख देता है। इसी नक्सेस को तोड़ने के लिए वे आए हैं।
आदित्य देवीलाल ने अपनी बात नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संदीप मलिक के आगे भी रखी। कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि सरकार ने हाल ही में नियम बदल दिया है जिसमें अनप्रुव्ड कालोनी को अप्रुव मुख्यालय से किया जाएगा। अधिकारी अपने लेवल पर न अप्रुव कर सकते हैं और न अनअप्रुव। इस दौरान किसान आंदोलन से जुड़े किसान भाजपा जिलाध्यक्ष का विरोध करने पहुंचे। किसान नेता लखविंद्र सिंह औलख ने कहा कि सरकार में भ्रष्टाचार फैला हुआ है, जब भाजपा जिलाध्यक्ष खुद पीड़ित है तो आम आदमी का क्या होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा जिलाध्यक्ष को अपना पद छोड़कर किसानों के साथ आ जाना चाहिए।