लॉकडाउन की अफवाहों के बीच बीड़ी, सिगरेट के दाम बढ़ने की अफवाहें तेज

संवाद सहयोगी हांसी लॉकडाउन की अफवाहों के बीच बीड़ी और सिगरेट की कालाबाजारी शुरू

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 05:49 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 05:49 AM (IST)
लॉकडाउन की अफवाहों के बीच बीड़ी, सिगरेट के दाम बढ़ने की अफवाहें तेज
लॉकडाउन की अफवाहों के बीच बीड़ी, सिगरेट के दाम बढ़ने की अफवाहें तेज

संवाद सहयोगी, हांसी : लॉकडाउन की अफवाहों के बीच बीड़ी और सिगरेट की कालाबाजारी शुरू हो गई है। दुकानों पर महंगे दामों पर बीड़ी, सिगरेट बेची जा रही है। ग्राहकों को बताया जा रहा है कि पीछे से तंबाकू के दाम बढ़ गए हैं, लेकिन वास्तव में दाम नहीं बढ़े। हालांकि थोक विक्रेताओं ने कहा कि दाम नहीं बढ़े हैं और कुछ दुकानदार जानबूझकर ऊंचे दाम पर बीड़ी-सिरगेट बेच रहे हैं।

बीते दिनों में संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने सख्त गाइड लाइन जारी की हैं। लोगों में कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए लॉकडाउन लगाने का डर बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि बीड़ी व सिगरेट का तलबगारों ने ज्याद मात्रा में तंबाकू उत्पाद खरीदकर स्टाक करना शुरू कर दिया है। कुछ दुकानदारों ने बीड़ी व सिगरेट की कालाबाजारी शुरु कर दी है। बीते साल भी लॉकडाउन के दौरान बीड़ी-सिगरेट की कालाबाजी हुई थी, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई भी की थी।

हर महीने धुएं में उड़ा देते हैं डेढ़ करोड़

हांसी इलाके में बीड़ी व सिगरेट की खपत जिले में सबसे अधिक है। जाहिर है कि लोग अपनी सेहत से खिलवाड़ करते हुए धूम्रपान अधिक कर रहे हैं। हांसी उपमंडल में बीड़ी के काफी थोक विक्रेता हैं। इस कारोबार से जुड़े लोगों का अनुमान है कि करीब हर महीने 60 लाख रुपये की बीड़ी की खपत होती है। एक करोड़ रुपये की सिगरेट की बिक्री होती है। इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों में धूम्रपान की तलब कितनी अधिक है।

थोक विक्रेता बोले- दाम नहीं बढ़े हैं

शहर के एक थोक विक्रेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि बीड़ी-सिगरेट के दाम नहीं बढ़े हैं। पहले वाले रेट पर ही दोनों उत्पाद मार्केट में बेचे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ दुकानदारों ने अपने स्तर पर कालाबाजारी शुरू कर दी हो ऐसा हो सकता है। उन्होंने बताया कि करीब 1.60 करोड़ों रुपये का प्रति माह हांसी में बीड़ी-सिगरेट का कारोबार होता है। पीछे से भी माल की सप्लाई नॉर्मल है और निर्धारित रेट पर ही वह दुकानदारों को सामान बेच रहे हैं।

chat bot
आपका साथी