BHiwani News: जाली एटीएम कार्ड बना आठ माह में आठ लाख रुपये ठगने वाले गैंग का मास्टर माइंड गिरफ्तार
चंद मिनटों में एटीएम स्वैप कर खाते से लाखों रुपये उड़ाने वाले गिरोह के मास्टर माइंड पलवल के गांव घाघोट निवासी अनवर को गिरफ्तार किया है। आरोपित से 50 हजार रुपये भी बरामद किए है। गिरोह के सदस्य आठ माह में आठ लाख के करीब की धोखाधड़ी कर चुके हैं
जागरण संवादाता, भिवानी : पुलिस ने चार राज्यों में लोगों को चकमा देकर चंद मिनटों में एटीएम स्वैप कर खाते से लाखों रुपये उड़ाने वाले गिरोह के मास्टर माइंड पलवल के गांव घाघोट निवासी अनवर को गिरफ्तार किया है। आरोपित से 50 हजार रुपये भी बरामद किए है। गिरोह के सदस्य आठ माह में आठ लाख के करीब की धोखाधड़ी कर चुके हैं, जिसके तीन सदस्य मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किए जा चुके है, जबकि दो आरोपित अभी भी फरार हैं।
- जैन चौकी इंचार्ज दशरथ के नेतृत्व में पलवल के गांव घाघोट निवासी अनवर को काबू किया गया है। पूछताछ में सामने आया कि पलवल में एक जनरल स्टोर रजिस्टर करवाया और फिर उसके लिए फर्जी जीएसटी नंबर लेकर स्वैप मशीन ली। फर्जी बिल तैयार करने के लिए नकली बिल बुक व स्टैंप तैयार की और फिर लोगों को ठगने का सिलसिला शुरू किया। गिरोह में छह से ज्यादा युवकों का शामिल किया, जो एटीएम केंद्र के बाहर पूरी निगरानी लगा कर रहते कि पैसे निकलवाने वाले खाते में रकम है या नहीं।
-- गांव धारेड़ूू के युवक के एटीएम को स्वैप कर निकाले थे 70 हजार रुपये :
30 जून को जब धारेडू गांव निवासी नीरज दादरी गेट पर एटीएम से पैसे निकलवाने आया, तो इस गैंग ने चकमा देकर उसका एटीएम स्वैप कर खाते से 70 हजार रुपये निकाल कर खाता खाली कर दिया। जिसकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए जैन चौक पुलिस पलवल में इस गैंग तक पहुंची।
चार राज्यों में आठ लाख पर कर चुके है हाथ साफ
गैंग के सदस्य चार राज्यों में हर अलग-अलग जिला में एटीएम के पास ताक लगाए रहते थे। किसी को भी पैसे निकलने में कोई दिक्कत होती को ये लोग चकमा देकर उसका एटीएम बदल देते और उसके एटीएम को स्वैप मशीन में स्कैन कर खाता खाली कर देते। उन्होंने बताया कि इन्होंने फ़रवरी में ये धोखाधड़ी शुरू की और अब तक कई लोगों के सात लाख 78 हजार रुपये इसी तरीके से हड़प चुके हैं।
पलवल के स्टोर से 70 हजार की खरीद होने पर पुलिस वहां तक पहुंची
नीरज की शिकायत पर पता किया तो उसके 70 हजार रुपये से पलवल के एक जनरल स्टोर से खरीद की बताई गई। जब पुलिस वहां पहुंची तो कोई स्टोर नहीं मिला। इसके बाद खरीद के फर्ज़ी बिल मिले, जिस पर प्रोपराईटर अनवर की संपर्क नंबर मिला। पुलिस ने अनवर को गिरफ़्तार किया तो एक के बाद एक हैरान करने वाले ख़ुलासे हुये।
- एएसआई दशरथ, जैन चौकी इंचार्ज --