दिल्ली कूच के लिए भिवानी के किसानों ने बनाई नई रणनीति, कच्चे और लिंक रास्तों से पहुंचेंगे दिल्ली

किसान नेताओं ने बताया कि दिल्ली में प्रवेश करने के पहले किसान पांच जगहों पर इकट्ठे होंगे। इनमें एनएच-1 पर कोंडली रोहतक के सांपला जयपुर-दिल्ली हाईवे पर बिलासपुर फरीदाबाद के सेक्टर-12 और उत्तर प्रदेश के हापुड़ में किसान इकट्ठे होंगे

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 05:37 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 05:37 PM (IST)
दिल्ली कूच के लिए भिवानी के किसानों ने बनाई नई रणनीति, कच्चे और लिंक रास्तों से पहुंचेंगे दिल्ली
किसानों ने घोषणा की है कि अगर उनका आंदोलन कहीं भी रोका जाता है तो वे वहीं धरना-प्रदर्शन करेंगे

ढिगावा मंडी/भिवानी, जेएनएन। केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में जंतर-मंतर पर आंदोलन करने के लिए क्षेत्र के सैकड़ों किसान अलग-अलग गुट बनाकर दिल्ली के लिए निकले। भारतीय किसान यूनियन के ब्लॉक प्रधान बलवान, जिला महासचिव बिजेंद्र, पूर्व सरपंच रतन सिंह, महताब महला, विकास खिचड़, वीरेंद्र गोकलपुरा, हवा सिंह किसान नेता ने दैनिक जागरण टीम को बताया कि सरकार ने सभी रास्ते बंद कर दिए हैं लेकिन किसान दिल्ली कूच जरूर करेंगे इसके लिए हमने कच्चे रास्ते लिंक रोड का सहारा लेंगे रोड मैप तैयार कर लिया है अलग-अलग गुट बनाएंगे और दिल्ली पहुंचेंगे। किसानों ने घोषणा की है कि अगर उनका आंदोलन कहीं भी रोका जाता है तो वे वहीं धरना-प्रदर्शन करेंगे और सोशल मीडिया के जरिए देश को अपनी बात बताएंगे।

 लोहारू, ढिगावा, बहल क्षेत्र के किसान तीन रास्तों से दिल्ली पहुंचेंगे :-

 बाढ़ड़ा से सतनाली, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी के रास्ते दिल्ली पहुंचेंगे।

 दूसरी टीम बाढ़ड़ा से झोझू, आदमपुर, कोसली और पटौदी के रास्तों से दिल्ली पहुंचेगी।

 तीसरी टीम दादरी से झज्जर, नजफगढ़ के रास्तों से दिल्ली पहुंचेगी।

पांच जगहों से दिल्ली में प्रवेश करेंगे किसान :-

किसान नेताओं ने बताया कि दिल्ली में प्रवेश करने के पहले किसान पांच जगहों पर इकट्ठे होंगे। इनमें एनएच-1 पर कोंडली, रोहतक के सांपला, जयपुर-दिल्ली हाईवे पर बिलासपुर, फरीदाबाद के सेक्टर-12 और उत्तर प्रदेश के हापुड़ में किसान इकट्ठे होंगे। अगर सरकार इन जगहों पर कोई बैरीकेडिंग करती है और किसानों को आगे बढ़ने से रोका जाता है तो किसान वहीं जमीन पर बैठकर धरना देंगे। किसानों का दावा है कि आंदोलन पूर्णतया अहिंसक होगा।

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