Bharat Band: संयुक्त किसान मोर्चा को अध्यापक संघ का समर्थन, मांगों को लेकर 27 सितंबर को करेंगे प्रदर्शन

अध्यापक संघ ने 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद का समर्थन करते हुए निजीकरण विरोधी दिवस मनाने का फैसला लिया है। उन्होने कहा कि भारत बंद का समर्थन करते हुए सरकार की नीतियों का विरोध करेंगे साथ ही एसीएस व शिक्षामंत्री को मांग पत्र भेजेगे।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 07:41 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 09:02 AM (IST)
Bharat Band: संयुक्त किसान मोर्चा को अध्यापक संघ का समर्थन, मांगों को लेकर 27 सितंबर को करेंगे प्रदर्शन
संयूक्त किसान मोर्चा को अध्यापक संघ का समर्थन, 27 सितंबर को सरकार के खिलाफ खोलेंगे मोर्चा।

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। आगामी 27 सितंबर को किसान संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद के समर्थन में अब हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ भी आ गया है। संघ के जिला प्रधान सुरजीत दुसाद ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के विरोध में अध्यापक संघ ने 27 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद का समर्थन करते हुए निजीकरण विरोधी दिवस मनाने का फैसला लिया है। उनका आरोप है कि भारत बंद का समर्थन करते हुए सर्व कर्मचारी संघ के आह्वान पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ छुट्टी के बाद 2 से 5 बजे के बीच में ब्लाक स्तर पर निजीकरण विरोधी दिवस मनाते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से एसीएस व शिक्षामंत्री को मांग पत्र भेजेगा।

स्कूलों में नहीं है मुखिया

सुरजीत दुसाद ने आरोप लगाया कि हरियाणा में 136 संस्कृति माडल स्कूलों सहित कुल 2204 सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हैं। 36 कस्तूरबा गांधी व 33 आरोही स्कूल हैं। 22 डाइट व 4 बाइट सहित कुल 2328 प्राचार्य के पद स्वीकृत हैं व 1137 स्वतंत्र माध्यमिक विद्यालयों के मुख्य अध्यापकों के पद स्वीकृत हैं।  इनमें से मात्र 440 मुख्य अध्यापक व 1300 प्रिंसिपल ही कार्यरत हैं। जो कुल का आधे से भी कम बनता है। ऐसे में अध्यापक संघ ने लंबे व कड़े संघर्ष के बाद 710 प्रिसिंपल व 80 मुख्य अध्यापकों को विभाग ने 4 अगस्त को पदोन्नत कर अपने वर्तमान स्कूलों से रिलिव कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर स्कूलों को बर्बाद करना चाहती हैं। हजारों पद रिक्त पड़े हैं। करोड़ों बेरोजगार रोजगार की इंतजार में है। आधे बच्चों को आधा समय ही स्कूल में बुलाने की इजाजत हैं।

शिक्षा का मशीनीकरण किया जा रहा है

आनलाइन के नाम पर समय, सेहत व बजट बर्बाद किये जा रहे हैं। बिना किसी कारण के शिक्षकों को दूर दराज एनीवेयर में पटक सजा दी जा रही हैं। शिक्षा एक सामाजिक क्रिया होते हुए भी, उसका हर स्तर पर मशीनीकरण किया जा रहा हैं। अध्यापक नेताओं ने कहा कि अगर सरकार समय रहते इन समस्याओं का हल नहीं करती है तो 27 सितंबर को ब्लाक स्तर पर निजीकरण विरोधी दिवस मनाते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से एसीएस व शिक्षामंत्री को मांग पत्र भेजेगा। उन्होंने अध्यापकों व अभिभावकों से इस प्रदर्शन में बढ़चढ़ कर भाग लेने की अपील की है।

हिसार की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी