कहीं रौद्र रूप न धारण कर ले जीवनदायिनी भाखड़ा नहर, अनदेखी के चलते जर्जर तटबंध दे रहे तबाही को न्योता

हरियाणा के लिए जीवनदायिनी भाखड़ा नहर अनदेखी की शिकार है। देखभाल के अभाव में नहर के किनारे कंडम हो चुके हैं। किसी भी समय टूट सकते हैं। तटबंध टूटे तो हरियाणा के कई जिलों में पानीप की सप्लाई बाधित हो सकती है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 05:47 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 05:47 PM (IST)
कहीं रौद्र रूप न धारण कर ले जीवनदायिनी भाखड़ा नहर, अनदेखी के चलते जर्जर तटबंध दे रहे तबाही को न्योता
फतेहाबाद के जाखल में जर्जर हालत में भाखड़ा नहर के किनारे। ये कभी भी टूट सकते हैं।

फतेहाबाद/जाखल, जेएनएन। भाखड़ा नहर प्रदेश के लिए जीवनदायिनी है। जाखल क्षेत्र से गुजरती नहर से प्रदेश के कई जिलों में पानी की सप्लाई होती है। इसकी वजह से ही क्षेत्र में फसले लहलाह रही हैं। क्षेत्र के लोग समृद्ध हुए। भाखड़ा नहर ने क्षेत्र में अन्न-धन के भंडार भर दिए। लेकिन अब सिंचाई विभाग नहर की सही से देखभाल नहीं कर रहा है।

जाखल क्षेत्र से गांव कासिमपुर, चुहड़पुर से म्योद चौकी होते हुए टोहाना की तरफ बहती नहर में करीब 6 हजार क्यूसेक पानी बहता है। लेकिन इन गांवों के आसपास नहर के तटबंध पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। 45000 बुर्जी के पास इसका तटबंध बिल्कुल ही खस्ता हो चुके हैं और नहर की ईंटें तटबंध के मिट्टी के अंदर धंस चुकी हैं। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

इसलिए बढ़ गया खतरा

इन गांवों के पास नहर जमीन की धरातल से उंच्चाई में है। कहीं पर 10 फीट तो कही पर 12 जमीन से नहर ही पटरी उंच्ची है। एक नहर की पटरी कमजोर है। अब ईंटें भी जमीन में धंस गई। ऐसे में परेशानी बढ़ गई। भाखड़ा नहर का पानी फतेहाबाद, हिसार, सिरसा भिवानी व जींद जिले में सिंचाई व पेयजल के लिए प्रयोग होता ही है। वहीं राजस्थान के नोहर, भादरा व राजगढ़ क्षेत्र में भी सप्लाई होती है। ऐसे में तटबंध में किसी प्रकार की कोई दरार या कोई अनहोनी होती है तो जाखल क्षेत्र के अनेकों गांव की फसलों को जलमग्न हो जाएगा, वहीं दूसरे जिलों में पानी की किल्लत बढ़ जाएगी।

किसानों का कहना, नहीं ले रहे अधिकारी सुध

जिनकी गांवों में नहर टूटने का खतरा अधिक है। उन गांव के किसान प्रधान लाभ सिह, जगमेल सिंह नडैल, बूटा सिंह कासिमपूर, गुरसरण सिंह, मिठु सिंह, कृष्ण, जगतार आदि किसानों ने कहा कि आगामी दिनों में बरसात का मौसम शुरू हो जाएगा। ऐसे में पहले से कमजोर पटरी परेशानी उत्पन्न करेंगी। वे कई बार सिंचाई विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दे चुके हैं, लेकिन अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे।

क्या कहते हैं अधिकारी

टोहाना के कार्यकारी अभियंता मनीष शर्मा ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन पहले ही टोहाना में ज्वाइन किया है। जल्द ही इस मामले की रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। नहर की पटरी कमजोर होना पड़ा मामला है। किसानों की समस्या जाएगा है। तटबंध को सही करवाने के लिए प्रयास जल्द शुरू होंगे।

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