हिसार में इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार मनाई बकरीद, भाईचारे का दिया संदेश
हिसार में आईटीआई चौक स्थित मदीना मस्जिद में बुधवार को ईद उल जुहा की नमाज बड़े अमन के साथ शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए अदा की गई। नमाजी ज्यादा होने के कारण दो बार में मास्क के साथ ईमाम जमसेद ने नमाज अदा कराई।
जागरण संवाददाता, हिसार : ईद-उल-अजहा इस्लाम धर्म का प्रमुख त्योहार है। बकरीद का त्योहार शहर में 21 जुलाई को इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार मनाया गया। लोगों ने एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। इस त्योहार से भाईचारे का संदेश दिया। सुबह नमाज अदा करते हुए सुख चैन की दुआ मांगी और इस मौके पर खुदा का शुक्रिया अता किया।
आईटीआई चौक स्थित मदीना मस्जिद में बुधवार को ईद उल जुहा की नमाज बड़े अमन के साथ शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए अदा की गई। नमाजी ज्यादा होने के कारण दो बार में मास्क के साथ ईमाम जमसेद ने नमाज अदा कराई। ताकि कोविड़-19 की गाइडलाइन के तहत अधिक भीड़ न हो। ईमाम साहब ने देश व दुनिया से कोरोना का प्रकोप खत्म करने व आपसी भाईचारा बनाने की अल्ला ताल्ला से दुआ की।
मुस्लिम कल्याण कमेटी हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष हरफूल खान भट्टी ने बताया इस अवसर पर हमारी प्रशासन से मांग है कि ईद की नमाज पढऩे के लिए हरियाणा वक्फ बोर्ड या जिला प्रशासन द्वारा ईदगाह के लिए दो एकड़ जमीन दी जाए। यह मांग लगभग 20 वर्षों से की जा रही है। ऐसी स्थिति में हमने ईद की नमाज क्रांतिमान पार्क में अदा कराई गई।कोरोना के कारण दो वर्षों से सामूहिक तौर पर नमाज नहीं की जा रही। अब भी सरकारी हिदायतों के अनुसार 50 व्यक्तियों से कम व्यक्तियों को एक समय में नमाज अदा करवाई गई।
नमाज अदा करने वालों में मुख्य रूप से अफजल खान, मोहम्मद मुन्ना, कैप्टन रफीक खान, आलम खान, बरकत खान, तनवीर खान, जमील खान मौजूद थे। बकरीद के अवसर पर गांव गोरछी में भी ईद का पर्व मनाया गया। गोरछी निवासी खुर्शीद अहमद ने कहा कि बकरीद इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का प्रमुख त्योहार है रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति के लगभग 70 दिन बाद इसे मनाया जाता है। ईद अल अजहा का मुख्य उद्देश्य व संदेश भाईचारा व इंसानियत का संदेश देती है।