Bahadurgarh Accident: एक महीने बाद थी बेटी की शादी, मां को सड़क पर रौंदा, दर्दनाक हादसे का आंखों देखा हाल
करनैल कौर ने बताया कि हम दस दिन पहले यहां आए थे। 11 महीनों से बारी-बारी आंदोलन में आ जा रहे थे। अपनी बारी पूरी करके मैं अपने गांव की अन्य महिलाओं के साथ बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन जाने के लिए झज्जर रोड पर आटो का इंतजार कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। हम आठ जणे थे। आंदोलन में पोल नंबर 170 के पास तंबु में ठहरे थे। उनकी दस दिन की बारी पूरी हो गई थी और घर जाना था। इस वास्ते हम सुबह करीब तीन बजे उठे थे। सुबह जल्दी-जल्दी लंगर बनाया। प्रसादा पानी लेकर घर जाण नू निकले थे। रेलवे स्टेशन से पंजाब जाण वाली ट्रेन पकड़नी थी। सड़क बीच आटो लेण नू बैठे थे। हूण पता ही नहीं लगा और वो डंपर कहर बरपाता हुआ हमारी बहनों पर चढ़ गया। हम में से दो मौके पर ही मर गई। एक ने अस्पताल में दम तोड़ा। मैं और कुछ महिला किसान थोड़ा आगे बैठी थी। हम तो घर जाण नू बात कर रहे थे। हमें क्या पता था कि इतना दर्दनाक हादसा हो जाएगा। अब भी भुलाए नहीं भूल रहा मौत का वो मंजर। गुरमेल कौर और अमरजीत कौर की तो डंपर के टायरों के जोड़े के नीचे कुचली गई। मैं बच गई। सड़क हादसे की यह दास्तां पंजाब के खीवा दयालु वाला निवासी करनैल कौर ने रुधे गले से सुनाई।
आटो का इंतजार कर रहे थे
करनैल कौर ने बताया कि हम दस दिन पहले यहां आए थे। 11 महीनों से बारी-बारी आंदोलन में आ जा रहे थे। अपनी बारी पूरी करके मैं अपने गांव की सुखविंद्र कौर उर्फ छिंद्र कौर, अमरजीत कौर, गुममेल कौर पत्नी भोला सिंह, हरमीत कौर, हमीर कौर, गुरमेल कौर पत्नी मेहर सिंह व एक अन्य घर जाण वास्ते बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन जाने के लिए झज्जर रोड पर सड़क बीच बैठकर आटो का इंतजार कर रहे थे।
बहनों को रौंदते हुए डिवाइडर पर चढ़ा डंपर
हम सब अपनी बातों में लगे हुए थे। हमें तो पता ही नहीं चला और एक डंपर हमारी बहनों को रौंदते हुए डिवाइडर पर चढ़ गया। करनैल कौर ने बताया कि सुखविंद्र कौर, गुरमेल कौर पत्नी भोला सिंह, अमरजीत कौर की इस हादसे में मौत हो गई और मैं, हमीर कौर व किसान इंद्रजीत बाल-बाल बच गए। इस हादसे में गुरमेल कौर को काफी चोटे आई हैं। साथ में हरमीत कौर भी घायल हुई है। हरमीत कौर ने बताया कि बीरा असी तो पता नहीं चला कि के होया। डंपर उनके ऊपर चढ़ गया। मेरी आंख बंद हो गई। आंख खुली तो चीख-पुकार मची थी। मैं भी बदहवाश सी थी। पूरा शरीर दर्द कर रहा था। चोट लगी थी। अस्पताल में आकर ठीक से होश आया। यहां आकर ही पता चला कि हम में से तीन की मौत हो गई।
अमरजीत कौर की बेटी की एक माह बाद होनी थी शादी
करनैल कौर ने बताया कि हम सभी एक ही गांव के हैं। अमरजीत कौर का पति मर चुका है। उसका बेटा फौज में है। उसकी बेटी की मंगनी हो चुकी है। एक माह बाद शादी होनी है।
मरने वाली महिला किसानों के स्वजनों को दी सूचना, सुबह होगा पोस्टमार्टम
घटना के तुरंत बाद मरने वाली महिला के स्वजनों को इसकी सूचना दी गई थी। किसान नेताओं ने उन्हें बहादुरगढ़ बुलाया था। दोपहर बाद स्वजन यहां पहुंचे। अब शुक्रवार सुबह शवों का पोस्टमार्टम होगा।
आंदोलन स्थल पर हो चुके गई हादसे, पहले भी हुई कुछ किसानों की मौत
तीन कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर बहादुरगढ़ बाईपास पर जाखौदा से लेकर टीकरी बार्डर तक करीब 15 किलोमीटर तक किसान बैठे हैं। बाईपास की दिल्ली जाने वाली लेन पर भाकियू उगराहा ग्रुप से जुड़े किसान बैठे हैं। यहां पर कई बार सड़क हादसे हो चुके हैं। कभी ट्रक किसानों की झोंपड़ियों में घुस गया तो कभी कार। इससे पहले भी वाहनों की चपेट में आने से किसानों की मौत हो चुकी है। ऐसे में ग्रुप से जुड़े किसान नेता जसवंत सिंह बसंत सिंह कोठा आदि ने प्रशासन से बाईपास की दूसरी लेन पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने तथा भविष्य में ऐसे हादसे न हो इसके लिए सड़क सुरक्षा प्रबंध पुख्ता करने की मांग की गई।
हादसे को किसानों ने बताया राजनीतिक साजिश तो प्रशासन में मची खलबली
सिविल अस्पताल में पहुंचते ही भाकियू एकता उगराहा के नेताओं ने इस हादसे को राजनीतिक साजिश बताया। लखीमपुर खीरी से जोड़ा। चालक को पकड़कर सच्चाई उजागर करने की बात पर किसान नेता अड़ गए तो प्रशासन में खलबली मच गई। एसपी वसीम अकरम, डीएसपी पवन, एसडीएम भूपेंद्र सिंह तुरंत दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और किसानों को मनाने लगे। किसान दोपहर तक अपनी बात पर अडिग रहे। राहुल गांधी व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के टवीट ने किसानों की बात को और बल दे दिया। इससे सरकार के स्तर पर भी मामले की गहनता से जांच के आदेश मिले।
ऐसे में एसपी वसीम अकरम अपनी टीम के साथ बहादुरगढ़ ही ठहरे रहे और दोपहर बाद चालक को गिरफ्तार करके किसानों की आमने-सामने बात कराकर मामले का पूरी तरह से खुलासा होने के बाद किसान माने, जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली। हालांकि शवों का पोस्टमार्टम अब तक नहीं हो सका है। ऐसे में प्रशासन अब भी कोई रिस्क नहीं ले रहा और इस पूरे मामले में अपनी पैनी नजर रखे हुए है।