सिटी बस चलाने के लिए फाइल लेकर चंडीगढ़ दौड़े निगम कमिश्नर

जागरण संवाददाता, हिसार : ऑटो चालकों की मनमानी और लोगों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए प्रशासन अब सिटी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 10:19 AM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 10:19 AM (IST)
सिटी बस चलाने के लिए फाइल लेकर चंडीगढ़ दौड़े निगम कमिश्नर
सिटी बस चलाने के लिए फाइल लेकर चंडीगढ़ दौड़े निगम कमिश्नर

जागरण संवाददाता, हिसार : ऑटो चालकों की मनमानी और लोगों की बढ़ती परेशानी को देखते हुए प्रशासन अब सिटी बस सेवा को जल्द शुरू करने जा रहा है। नगर निगम कमिश्नर अशोक बंसल खुद चंडीगढ़ फाइल लेकर उच्च अधिकारियों के पास पहुंच गए हैं। चंडीगढ़ से मंजूरी के बाद ड्राफ्ट बनाकर टेंडर लगा दिए जाएंगे। प्रशासन का भी मानना है कि ऑटो यूनियनों की मनमानी को रोकने के लिए सिटी बस चलाना जरूरी है। इसके लिए डीसी ने नगर निगम पर पूरा दबाव बनाया हुआ है। यही कारण है कि जिन फाइलों को मंजूरी के लिए चंडीगढ़ पहुंचने में ही महीनों लग जाते थे, उस फाइल को लेकर निगम कमिश्नर खुद चंडीगढ़ पहुंच गए। वहीं एक दिन पहले डीसी खुद ऑटो चालकों पर कैसे लगाम लगाएं, इसके लिए चीफ सेक्रेटरी को पत्र भी लिख चुके हैं।

शहर में सिटी बस सेवा पिछले करीब तीन साल से बंद है। प्रशासन ने इसे घाटे का सौदा बताकर बंद कर दिया था। मगर इसका फायदा सीधा ऑटो चालकों को मिला। शहर में एकाएक ऑटो की संख्या बढ़ गई। अब जैसे ही ऑटो यूनियनों ने किराया बढ़ाकर 10 से 15 रुपये कर दिया है तो एक बार फिर से शहर में सिटी बस की मांग उठने लगी है। वहीं दूसरी ओर बुधवार को भी कई जगहों पर किराए को लेकर ऑटो चालक और सवारी आपस में उलझ गए। दूसरी ओर गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में बुधवार को अधिक किराया वसूलने वाले ऑटो चालकों को छात्रों ने विद्यार्थियों से 10 रुपये किराया लेने का आह्वान किया।

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- कोट्स :::

- मैं चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिख चुका हूं। जब तक मुझे पता ही नहीं होगा कि मैं ऑटो का किराया किस आधार पर और किन शक्तियों के तहत कम कर सकता हूं तब तक मैं कुछ नहीं कर सकता। हम लोगों को राहत देने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। निगम कमिश्नर भी सिटी बस की फाइल लेकर चंडीगढ़ रवाना हो चुके हैं।

- अशोक कुमार मीणा, डीसी, हिसार ---

जागरण के हाथ लगी एक्ट की कॉपी, निगम जनता के हित में उठा सकता है कदम - म्यूनिसिपल एक्ट 1994 के अध्याय तीन में निगम को दी गई हैं विशेष जिम्मेदारी और ड्यूटियां सुनील बैनीवाल , हिसार : शहर में ऑटो चालकों की मनमानी के कारण जनता परेशान है। उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने चीफ सेक्रेटरी हरियाणा को पत्र लिखकर मदद मांगी है। वहीं दूसरी ओर नगर निगम का एक्ट इस समस्या का समाधान करता हुआ नजर आ रहा है। निगम के एक्ट में साफतौर पर लिखा गया है कि निगम एरिया के अंदर जनता को सुविधा मुहैया करवाने की ड्यूटी निगम प्रशासन की बनती है। यही वजह है कि प्रदेशभर में जनसुविधा से जुड़े कामों को करने की जिम्मेदारी नगर निगम को सौंपी गई है। म्यूनिसिपल एक्ट 1994 के अध्याय तीन में निगम को विशेष जिम्मेदारी और ड्यूटियां दी हैं। इसी एक्ट में दी गई 17 जिम्मेदारियों और ड्यूटियों में बस स्टॉप से लेकर अन्य जनसुविधाएं आती हैं। जो निगम प्रशासन को मुहैया करवानी होती है। इसी एक्ट के तहत प्रदेश सरकार ने सिटी बस चलाने की ड्यूटी नगर निगमों की लगाई है। क्योंकि यह जनसुविधा के दायरे में आती है। जनता को उसके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था करना निगम की जिम्मेदारी बनती है। ऐसे में यदि कोई प्राइवेट एजेंसी जन सुविधा के नाम पर जनता को लूट रही है तो निगम अपने स्तर पर उसकी व्यवस्था करेगा। वह उसकी ड्यूटी में शामिल है।

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यह कहता है एक्ट एक्ट के अनुसार नगर निगम एरिया में जनता को सुविधाएं मुहैया करवाने की जिम्मेदारी निगम आयुक्त की है। जनता को सुविधा के नाम पर कोई मनमानी कर रहा है तो निगम आयुक्त की ड्यूटी बनती है कि वह सुविधा जनता को मुहैया करवाएं।

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कोट्स:::

- म्यूनिसिपल एक्ट 1994 के भाग तीन में दी गई 17 ड्यूटियों और जिम्मेदारियों स्पष्ट करती है कि जन सुविधाएं मुहैया करवाना निगम की जिम्मेदारी है। इसी एक्ट का भाव है कि यदि निगम एरिया में जनता को बस स्टॉप, स्ट्रीट लाइट आदि की जरूरत है तो वह निगम मुहैया करवाएगा। जनसुविधा के अंतर्गत ही ऑटो आते हैं। जो जनता को एक गंतव्य तक पहुंचाने का काम करते है। यदि कोई निजी एजेंसी या यूनियन जनता के साथ लूट कर रही है तो निगम प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वह जनता को वह सुविधा मुहैया करवाए। निगम प्रशासन अपने स्तर पर ऑटो और ई ऑटो चला सकता है और कम किराये पर जनता को सुविधा दे सकता है।

- रमेश यादव, एडवोकेट।

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