डिप्टी स्पीकर पर पथराव मामलाः किसान नेताओं का दावा, कोर्ट ने राजद्रोह की धारा को डाउटफुल मान हटाया

गिरफ्तार किए गए पांचों आंदोलनकारियों को वीरवार को जमानत मिल गई थी। इसके बाद सिरसा बंद का ऐलान रद कर दिया गया था। 50 हजार के व्यक्तिगत मुचलके पर जमानत दी गई है। किसान नेता बोले जमानत किसने लगाई नहीं मालूम।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 09:40 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 09:40 PM (IST)
डिप्टी स्पीकर पर पथराव मामलाः किसान नेताओं का दावा, कोर्ट ने राजद्रोह की धारा को डाउटफुल मान हटाया
पुलिस ने इस मामले में 307 व अन्य धाराओं के अलावा राजद्रोह की धारा भी लगाई थी।

जागरण संवाददाता, सिरसा। डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा पर हुए पथराव व हमले के मामले में सत्र न्यायालय ने पांच प्रदर्शनकारियों को जमानत 50 हजार के निजी मुचलके पर दी है। पुलिस ने इस मामले में 307 व अन्य धाराओं के अलावा राजद्रोह की धारा 124ए के तहत भी केस दर्ज किया हुआ है।

सुनवाई के दौरान न्यायालय के समक्ष प्रदर्शनकारियों के वकील ने कहा कि राजद्रोह नहीं बनती बल्कि यह धारा गलत ढंग से लगाई गई है। हालांकि सरकारी वकील ने इसका विरोध किया था। अदालत ने अपने आदेश में राजद्रोह की धारा को डाउटफुल माना और पांचों प्रदर्शनकारियों को जमानत दी थी। उधर, किसान नेताओं ने राजद्रोह की धारा हटने की बात कही है। गुरुद्वारा चिल्ला साहिब में पहुंचे किसान नेता जगजीत दलेवाल ने कहा कि हम बशर्त रिहाई मानते हैं क्योंकि हमने न ही तो सरकार व प्रशासन की कोई बात मानी। हम चाहते थे कि पूरे प्रकरण में संगीन धाराएं हटे, हमारे बच्चे हमारे बीच आए। कोर्ट ने राजद्रोह की धारा नहीं मानी और हमारे बच्चों को जमानत दे दी। जमानत किसने लगाई हमें नहीं मालूम। किसान कोर्ट नहीं गया।

गुरु का शुक्राना अदा करने पहुंचे किसान नेता

संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े नेता धरना समाप्त होने के बाद शुक्रवार को गुरुद्वारा चिल्ला साहिब में गुरु का शुक्राना करने पहुंचे। इस दौरान जगजीत सिंह दलेवाल, बलदेव सिंह सिरसा, लखविंद्र सिंह औलख, प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा व अन्य किसान नेताओं ने गुरुघर में अरदास की। इस मौके पर बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि मैंने अरदास करके ही अनशन शुरू किया था। हमारी जड़ यही गुरुघर है। यह वो स्थान है जहां गुरुनानक देव जी ने समय बिताया था। किसानों की रिहाई के बाद अब गुरु का शुक्राना करने आया हूं। बता दें कि वीरवार को अनशन समाप्ति के बाद रात्रि में बलदेव सिंह सिरसा की तबीयत बिगड़ गई थी और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा जहां उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

इधर.. रोड जाम करने पर चार एफआइआर, 800 से अधिक पर केस

प्रदर्शनकारियों की रिहाई की मांग को लेकर 21 जुलाई को किसान संगठनों की ओर से रोड जाम करने के मामले में चार एफआइआर दर्ज की गई हैं। इनमें 800 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पहली एफआइआर सिविल लाइन थाना पुलिस ने बरनाला रोड पर लघु सचिवालय के गेट के पास धरना दे रहे लोगों के खिलाफ दर्ज की है। यहां दक्ष प्रजापत चौक पर धरनारत किसानों के खिलाफ रोड जाम करने के मामले में एफआइआर दर्ज की गई है।

दूसरी एफआइआर में 250 व तीसरी में 125 आरोपित

दूसरी एफआइआर पंजुआना में रोड जाम करने के मामले में 250 किसानों के खिलाफ दर्ज हुई है। यहां भी 21 जुलाई को दो घंटे तक रोड जाम रहा था। डबवाली सदर पुलिस ने खुइयां मलकाना टोला प्लाजा के निकट रोड जाम करने के मामले में तीन को नामजद कर 125 के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसी दिन भावदीन टोल प्लाजा पर जाम लगाने के मामले में 150 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। डिंग थाना पुलिस ने रास्ता रोकने के मामले में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।

क्या कहती है पुलिस

पुलिस प्रवक्ता सुरजीत सहारण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि कसी भी स्थिति में मार्ग अवरुद्ध नहीं किया जा सकता। आमजन से भी पुलिस प्रशासन को रास्ता अवरुद्ध होने और परेशानी आने के संबंध में जानकारी हासिल हुई थी। इसके बाद पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है।

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