अशाेक तंवर की विधायक गोपाल कांडा और इनेलो नेता अभय सिंह दोनों के साथ है नजदीकियां, किसके संग जाएंगे लेंगे निर्णय

डा. अशोक तंवर ने रविवार को सेक्टर 20 स्थित अपने आवास पर कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। इस बैठक में वे कार्यकर्ताओं के साथ ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर रायशुमारी करेंगे। डा. अशोक तंवर का इस क्षेत्र में खासा प्रभाव है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 08:18 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 08:18 AM (IST)
अशाेक तंवर की विधायक गोपाल कांडा और इनेलो नेता अभय सिंह दोनों के साथ है नजदीकियां, किसके संग जाएंगे लेंगे निर्णय
पूर्व सांसद अशोक तंवर आज दोपहर लेंगे कार्यकर्ताओं की बैठक, उपचुनाव को लेकर करेंगे मंथन

जागरण संवाददता, सिरसा : सिरसा संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद और वर्तमान में अपना भारत मोर्चा के संस्थापक डा. अशोक तंवर ने रविवार को सेक्टर 20 स्थित अपने आवास पर कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। इस बैठक में वे कार्यकर्ताओं के साथ ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर रायशुमारी करेंगे। डा. अशोक तंवर का इस क्षेत्र में खासा प्रभाव है। सांसद के तौर पर उन्होंने ऐलनाबाद हलके में पहचान बनाई है।

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर भी उन्हाेंने ऐलनाबाद हल्के में काम किया है। हालांकि अब वे पार्टी को अलविदा कह कर अपना मोर्चा बना चुके हैं। रविवार को होने वाली तंवर आवास पर होने वाली बैठक को अहम माना जा रहा है। उन्होंने ऐलनाबाद उपचुनाव चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं को बुलाया है।

कांडा और अभय दोनों से है नजदीकियां

अशोक तंवर की सिरसा के विधायक गोपाल कांडा व इनेलो नेता अभय सिंह दोनों से ही नजदीकियां है। अब उनका रूख किस की तरफ रहेगा यह तो समय बताएगा लेकिन जिस भी प्रत्याशी के समर्थन में वे उतरते हैं तो प्रभाव जरूर छोड़ेंगे।

उपचुनाव से पहले लगी है पार्टियां बदलने की होड़, जल्द प्रचार में उतरेंगे धुरंधर

उपचुनाव से पहले नेताओं की आस्था बदल रही है। सात वर्ष तक भाजपा में रहने वाले जगदीश नेहरा अपने पुराने घर कांग्रेस में वापसी कर चुके हैं वहीं ऐलनाबाद से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके रमेश भादू मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संग कमल का फूल थाम चुके हैं। अभी चुनाव में दो सप्ताह का समय शेष है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा सहित अनेक धुरंधर अभी चुनाव मैदान में आने शेष है। आने वाले दो सप्ताह में चुनाव पूरे शबाब पर रहेगा। प्रशासन ने सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए हैं। किसान आंदोलनकारियों के संभावित विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भारी तादाद में गांवों कस्बों में पुलिस व आरएएफ तैनात है।

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