हरियाणवी कला व संस्कृति को बचाने में सहायक कला उत्सव : काम्बोज

एचएयू में हरियाणा कला उत्सव का आयोजन रंगारंग कार्यक्रमों में झुमे दर्शक

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 11:39 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 11:39 PM (IST)
हरियाणवी कला व संस्कृति को बचाने में सहायक कला उत्सव : काम्बोज
हरियाणवी कला व संस्कृति को बचाने में सहायक कला उत्सव : काम्बोज

-एचएयू में हरियाणा कला उत्सव का आयोजन, रंगारंग कार्यक्रमों में झुमे दर्शक

जागरण संवाददाता, हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विवि में हरियाणवी कला उत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय एवं गुरू जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रो बीआर काम्बोज बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए। हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन विशिष्ट अतिथि थे। मुख्यातिथि ने कहा कि हरियाणवी कला व संस्कृति को बचाने में हरियाणवी कला उत्सव जैसे कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न विधाओं जैसे रागिनी, भजन, लोकगीत व लोकनृत्य आदि का विकास होता है। शिक्षण संस्थानों में इस तरह के आयोजनों से विद्यार्थियों में भी संस्कृति के प्रति रूचि बढ़ती है जो इसके संरक्षण में सहायक होती है। इससे तीज-त्योहारों पर गाए जाने वाले गीतों व नृत्यों को पुर्नजीवित करने का अवसर मिलता है। कार्यक्रम का आयोजन छात्र कल्याण निदेशालय स्थित म्यूजिक एवं ड्रामाटिक क्लब द्वारा हरियाणा कला परिषद हिसार डिवीजन के संयुक्त तत्वावधान में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत किया गया। हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने कहा कि कोरोना महामारी का लोक कलाकारों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा है। ऐसे आयोजनों से दोबारा से जीवन पटरी पर आने लगा है, जो एक शुभ संकेत है।

यह आयोजित हुए कार्यक्रम

छात्र कल्याण निदेशक डा. देवेंद्र सिंह दहिया ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन का मुख्य उद्देश्य हरियाणवी संस्कृति को दोबारा जीवित करने का है। एक के बाद एक रंगारंग प्रस्तुतियों ने मोहा मनकार्यक्रम की शुरूआत हरियाणवी लोककलाकार महावीर गुड्डू ने शानदार हरियाणवी लोकसंस्कृति को दर्शाती प्रस्तुति से की। इसके बाद सावन के गीत, प्रदेश में गए पति का वियोग दशा के गीत, देशभक्ति गीत, आल्हा सहित चुटकूलों की एक के बाद एक मनोहक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झुमने पर मजबूर कर दिया। एक छोटी कलाकार द्वारा भू्रण हत्या को लेकर प्रस्तुत संगीतमयी प्रस्तुति ने सभागार का एकदम माहौल बदलते हुए सभी को इस कुरीति के प्रति सोचने को मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की प्रथम महिला एवं कुलपति की धर्मपत्नी संतोष कुमारी, ओएसडी डा. अतुल ढींगड़ा, विस्तार शिक्षा निदेशक डा. रामनिवास ढांडा, अधिष्ठाता डा. अमरजीत कालड़ा आदि उपस्थित रहे।

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