Gold Medalist: एमएससी फिजियोलाजी में एम्स की गोल्ड मेडलिस्ट बनी अंजू शर्मा, एम्स निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने किया सम्मानित

रोहतक के कैलाश कालोनी निवासी अंजू शर्मा ने गोल्ड मेडल हासिल कर जिले और प्रदेश का नाम रोशन किया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली की एमएससी फिजियोलाजी परीक्षा में अंजू टापर रही। जिसके लिए अंजू को गोल्ड मेडल और प्रमाण देकर सम्मानित किया।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 08:38 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 08:38 PM (IST)
Gold Medalist: एमएससी फिजियोलाजी में एम्स की गोल्ड मेडलिस्ट बनी अंजू शर्मा, एम्स निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने किया सम्मानित
अंजू शर्मा को सम्मानित करते हुए निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया।

रोहतक, जागरण संवाददाता। मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। ये लाइन हरियाणा के बेटियों पर एक दम सटीक बैठती हैं, क्योंकि हरियाणा की बेटियां हर क्षेत्र में अपने आप को आगे रख रही है अब उसमें चाहे खेल क्षेत्र शामिल हो या पढ़ाई क्षेत्र। ऐसा ही कारनामा रोहतक की बेटी अंजू शर्मी ने दिखाया है।

अंजू शर्मा को गोल्ड मेडल और प्रमाण देकर सम्मानित किया

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली की एमएससी फिजियोलाजी परीक्षा में रोहतक की कैलाश कालोनी निवासी अंजू शर्मा ने गोल्ड मेडल हासिल कर जिले और प्रदेश का नाम रोशन किया। इस कोर्स की प्रवेश परीक्षा में भी अंजू टापर रही थी। शनिवार को एम्स के 66वें स्थापना दिवस पर भव्य समारोह के बीच निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने अंजू शर्मा को गोल्ड मेडल और प्रमाण देकर सम्मानित किया।

डा. गुलेरिया ने कहा कि पहले प्रवेश परीक्षा और फिर कोर्स परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल कर अंजू ने साबित किया है कि लक्ष्य कितना ही कठिन क्यों न हो, कड़ी मेहनत से उस लक्ष्य के शिखर को हासिल किया जा सकता है। मूल रूप से चिड़ी गांव की निवासी अंजू शर्मा बखेता गांव की बहू हैं। दूरसंचार विभाग से जेई के पद से सेवानिवृत्त सतनारायण शर्मा के पुत्र रजत शर्मा के साथ अंजू का विवाह वर्ष 2014 में हुआ था। अंजू की शिक्षा के प्रति रूचि को देखते हुए दोनों ही परिवारों ने न केवल उसे उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया बल्कि इस मुकाम तक पहुंचने में हरसंभव सहयोग भी किया।

अंजू शर्मा ने अपनी उपलब्धि का श्रेय पूरे परिवार को देते हुए कहा कि उसका सौभाग्य है कि वह बेटी बनकर एक घर से विदा हुई तो दूसरे घर में भी बेटी स्वरूप भरपूर मान-सम्मान मिला। अंजू के मुताबिक अभी वह सहायक प्रोफेसर के लिए तैयारी करेंगी। भविष्य में इसी क्षेत्र में प्रोफेसर का पद प्राप्त कर शिक्षा की अलख जगाना उसका लक्ष्य रहेगा।

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