25 हजार का ऑक्सीजन कंसनेट्रेटर 80 हजार में और 200 रुपये का पल्स ऑक्सीमीटर 1500 रुपये में बेचा जा रहा

जागरण संवाददाता हिसार जैसे-जैसे देश सहित जिले में कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे है। व

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 07:24 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 07:24 AM (IST)
25 हजार का ऑक्सीजन कंसनेट्रेटर 80 हजार में और 200 रुपये का पल्स ऑक्सीमीटर 1500 रुपये में बेचा जा रहा
25 हजार का ऑक्सीजन कंसनेट्रेटर 80 हजार में और 200 रुपये का पल्स ऑक्सीमीटर 1500 रुपये में बेचा जा रहा

जागरण संवाददाता, हिसार : जैसे-जैसे देश सहित जिले में कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे है। वैसे-वैसे संसाधनों की कमी होती जा रही है, या यूं कहे कि कोरोना से जुझ रहे मरीजों के लिए जरूरी सामान की जमाखोरी करके और कालाबाजारी करके इस सामान को दुगुनी-चौगुनी कीमतों में बेचकर लाखों रुपये मुनाफा कमाया जा रहा है। अकेले हिसार जिले में पल्स ऑक्सीमीटर की रोजाना की 10 हजार पीस की डिमांड है। विक्रेताओं की तरफ से पल्स ऑक्सीमीटर की कई जगह से सप्लाई न होने का बहाना बनाया जाता है तो कहीं इसे इसकी वास्वतिक कीमत से सात से 10 गुना अधिक दाम में बेचा जा रहा है। चाइनीज पल्स ऑक्सीमीटर पहले 200 रुपये में बिक रहा था। वहीं अब इसे 1500 रुपये में बेचकर सीधे 1300 रुपये प्रति पीस मुनाफा कमाया जा रहा है। सिर्फ चाइनीज पल्स ऑक्सीमीटर ही नहीं कंपनी के ब्रांडेड पल्स ऑक्सीमीटर को कुछ समय पहले तक एक हजार रुपये में बेचा जाता था। लेकिन अब ब्रांडेड पल्स ऑक्सीमीटर भी दो हजार रुपये में मिल रहा है। पल्स ऑक्सीमीटर धड़कन और ऑक्सीजन लेवल चेक करने के काम आता है। सिविल अस्पताल की तरफ से भी होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर दिए जाते है।

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ऑक्सीजन कंसनट्रेटर की भी हो रही कालाबजारी

पल्स ऑक्सीमीटर के साथ ऑक्सीजन कंसनट्रेटर की भी कालाबाजारी हो रही है। अब ऑक्सीजन कंसनेट्रेटर की या तो सप्लाई न होने की बात कह दी जाती है। वहीं कोई सप्लाई देता है तो इसकी कीमत 80 हजार से एक लाख रुपये तक वसूल जा रही है। ऑक्सीजन कसंनट्रेटर करीब 25 से 30 हजार रुपये में आती है। हिसार में मुख्य पांच कंपनिया है जो इसकी सप्लाई करती है। यह मशीन ऑक्सीजन बनाती है। जिले में ऑक्सीजन सिलेंडर के अभाव में इसी मशीन के सहारे ऑक्सीजन ली जा रही है। इलेक्ट्रिसिटी से यह मशीन ऑक्सीजन बनाती है। पिछले वर्ष यह मशीन 40 से 45 हजार में बेची जा रही थी। वहीं इस वर्ष तो दुगूने दामों में बेचकर लाखों रुपये मुनाफा कमाया जा रहा है। हालांकि इसकी भी काफी कम सप्लाई होने की बात कही जा ही है।हालांकि पीपीई किट, मास्क मार्केट में उपलब्ध है। लेकिन सैनिटाइजर की कमी इन दिनों मेडिकलों पर हो गई है। गौरतलब है जिले में कोरोना केस लगातार बढ़ रहे है। बीते चार दिनों से लगातार 500 से अधिक मामले सामने आए है।

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