हिसार में एंबुलेंस का किराया फिक्स, अधिक वसूला तो वाहन होगा जब्त, 50 हजार रुपये तक का जुर्माना
एंबुलेंस संचालक अब अपनी मनमर्जी का किराया नहीं वसूल सकेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने एंबुलेंस का किराया फिक्स कर दिया है। इससे ज्यादा किराया वसूलने पर एंबुलेंस जब्त करने से लेकर 50 हजार रुपये जुर्माने तक का प्रावधान कर दिया
हिसार [पवन सिरोवा] कोविड-19 की इस भयावह स्थिति में एंबुलेंस संचालक अब अपनी मनमर्जी का किराया नहीं वसूल सकेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने एंबुलेंस का किराया फिक्स कर दिया है। इससे ज्यादा किराया वसूलने पर एंबुलेंस जब्त करने से लेकर 50 हजार रुपये जुर्माने तक का प्रावधान कर दिया है। इस संबंध में एनएचएम के मिशन निदेशक ने हरियाणा सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है साथ ही इस पत्र की कॉपी एसीएस से लेकर महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग, प्रधान सचिव ट्रांसपोर्ट विभाग, डीजीपी, प्रत्येक जिले के डीसी और सिविल सर्जन भी भेज दी है।
किराया दो कैटेगिरी में बांटा
एडवांस लाइफ स्पॉट एंबुलेंस का किराया (एएलएस) – 15 रुपये प्रति किलोमीटर
बेसिक लाइफ स्पॉट एंबुलेंस (बीएलएस) – 7 रुपये प्रति किलोमीटर
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कानून न मानने वालों के वाहन होंगे जब्त, 50 हजार रुपये का लगेगा जुर्माना
मरीज को एंबुलेंस सेवा देने के दौरान यदि सरकार की ओर से निर्धारित किए गए किराए से अधिक राशि वसूलने का दोषी पाए जाने पर एंबुलेंस जब्त करने से लेकर न्यूनतम 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। एनएचएम की ओर आदेश में अधिक किराया वसूलने के दोषी पाए जाने वाले ये हो सकती है कार्रवाई।
1. एंबुलेंस चालक का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द हो सकता है।
2. एंबुलेंस का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द किया जा सकता है।
3. एंबुलेंस जब्त की जा सकती है।
4. न्यूनतम 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
एंबुलेंस संचालक बोले : इस रेट पर तो सरकार ही चला सकती है एंबुलेंस, हमारे बस की बात नहीं
ऑल हरियाणा प्राइवेट एंबुलेंस वेलफेयर एसोसिएशन के जिला प्रधान गिरीराज गोयल ने कहा कि सरकार अपनी कमियों का ठिकरा हमारे सर फोड़ना चाहती है। इसलिए इतना कम किराया रखा है ताकि हम एंबुलेंस नहीं चला पाएं और सारी कमियां हमारे सर मंड दे। वर्तमान में एएलएस का खर्च ही करीब 30 रुपये प्रति किलोमीटर आ रहा है। वहीं बीएलएस का खर्च करीब 12 से 15 रुपये है ऐेसे में 15 और न्यूनतम 7 रुपये में हम कैसे एंबुलेंस चलाए। इसके अलावा पीपीई किट से लेकर सैनिटाइज का खर्च भी हम वहन कर रहे है सरकार तो ऑक्सीजन भी उपलब्ध नहीं करवा पा रही है। ऐसे में हमें नाजायज तंग करने के लिए यह आदेश जारी किया है।
सरकार को हम एंबुलेंस देने के लिए है तैयार, अपने स्तर पर चलाए
हम सब जानते है कि यह मुश्किल वक्त है। ऐसे में इंसानियत के नाते हम जनसेवा में हम अपनी एंबुलेंस सरकार को देने के लिए तैयार है। सरकार अपने स्तर पर इन्हें चलाए। मैं इसके लिए एफिडेविट तक दे सकता हूं। लेकिन जो यह रेट फिक्स किया है यह सहीं नहीं है सरकार इस पर पुन: विचार कर रेट तुरंत बढ़ाया जाए।
गिरीराज गोयल, ऑल हरियाणा प्राइवेट एंबुलेंस वेलफेयर एसोसिएशन, हिसार।