क्या फिर से एक होने जा रहा है चौटाला परिवार, बनते नजर आ रहे नए समीकरण
अब एक बार फिर से परिवार के एक होने के नए समीकरण बने हैं। दरअसल पैरोल पर आए जजपा नेता अजय सिंह चौटाला ने इसके संकेत दिए हैं। अब बात अभय और ओपी चौटाला पर टिकी है।
सिरसा, जेएनएन। इनेलो परिवार के दो फाड़ होने के बाद कई बार परिवार को एक करने की कोशिशें हुई, मगर परिवार एक नहीं हो सका। मगर अब एक बार फिर से परिवार के एक होने के नए समीकरण बने हैं। दरअसल पैरोल पर आए जजपा नेता अजय सिंह चौटाला ने इसके संकेत दिए हैं। अब सवाल ये है कि क्या चौटाला परिवार फिर से एक होने जा रहा है।
क्योंकि अजय चौटाला ने अपने छोटे भाई अभय चौटाला से मुलाकात भी की और परिवार को एक करने की बात भी कही। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि शायद चौटाला परिवार एक हो सकता है। भले ही राजनीतिक तौर पर अब भी यह संभव नहीं हो, मगर परिवार के बीच पड़ी दरार को भरने का काम फिर से हो सकता है।
बता दें कि इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला की पत्नी एवं मां के निधन के शोक स्वरूप चौटाला परिवार ने इस बार दिवाली का त्योहार नहीं मनाया। चौटाला परिवार से जुड़े सदस्य गांव तेजाखेड़ा में एक साथ नजर आए और ग्रामीणों को रामरमी की। सुबह ही परिवार के वरिष्ठ सदस्य चौ. रणजीत सिंह, डा. अजय सिंह, अभय सिंह चौटाला यहां समर्थकों व पार्टी कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए और उन्हें त्योहार की शुभकामनाएं दी।
परिवार के सदस्यों से मिलने के बाद अजय सिंह सिरसा आ गए। इससे पहले सिरसा आवास पर चौ. रणजीत सिंह और अजय सिंह ने राम रमी ली। सिरसा अपने आवास पर लौटे डा. अजय सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि उनका हर संभव प्रयास रहेगा कि परिवार एक हो। उन्होंने बताया कि वे अपने छोटे भाई अभय सिंह से भी मुलाकात करके आएं है।
उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा खुशी किसी बाप को क्या हो सकती है की उसका बेटा आज इस मुकाम पर है। दुष्यंत को मोटिवेट करने की जरूरत नहीं है, उसे सरकार में रह कर प्रदेश का विकास करना है। विपक्षी दलों द्वारा जेजेपी भाजपा गठबंधन पर किए जा रहे कटाक्ष पर प्रतिक्रिया देते हुए डा. अजय सिंह ने कहा कि विपक्षियों का काम तो तंज कसना होता है।
चौधरी देवीलाल के जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित रैली में जब दुष्यंत को लेकर भावी मुख्यमंत्री कह नारे लगे तो अभय चौटाला और ओमप्रकाश चौटाला ने इसे अनुशासनहीनता बताया था और दुष्यंत और दिग्विजय को पार्टी से बाहर कर दिया था। इसके बाद दुष्यंत चौटाला ने अपना नया दल जननायक जनता दल बनाया, जिसे नया झंडा और नया चुनाव निशान मिलने पर राजनीति में सक्रियता को बढ़ा दिया गया। इसके बाद दोनों ओर से तीखे बयान शुरू हो गए। अभय चौटाला और अजय चौटाला के परिवार में दूरी बढ़ती गई। जींद उपचुनाव में भी दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्जिवजय चौटाला जजपा से ही चुनाव लड़े।
विधानसभा चुनाव से पहले सर्वजातीय खाप ने परिवार को एक करने की मुहिम भी छेड़ी थी। मगर दुष्यंत चौटाला ने राजनीतिक तौर पर एक होने से साफ इन्कार कर दिया। इसके बाद खाप नेताओं ने दुष्यंत चौटाला पर कई तरह के आरोप लगाए थे। वहीं विधानसभा में दुष्यंत के नया चेहरा बनकर उभरने से नए समीकरण बने। अब आगे की नीति बनाने को लेकर परिवार में ही एकजुटता पर मंथन हो सकता है।