सिरसा में पराली जलाने से बढ़ने लगा वायु प्रदूषण, एयर क्वालिटी इंडेक्स 159 तक पहुंचा
किसान पराली के भी आग लगाने लगे हैं। इससे एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ने लगा है। पिछले कई दिनों से क्वालिटी इंडेक्स धान की पराली जलाने से प्रतिदिन एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ने लगा है। सिरसा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 159 तक पहुंच गया।
जागरण संवाददाता, सिरसा। धान की कटाई कढ़ाई का कार्य में किसान लगे हुए हैं। इससे धूल मिट्टी उड़ रही है। इसी के साथ किसान पराली के भी आग लगाने लगे हैं। इससे एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ने लगा है। पिछले कई दिनों से क्वालिटी इंडेक्स धान की पराली जलाने से प्रतिदिन एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ने लगा है। एयर क्वालिटी इंडेक्स 159 तक पहुंच गया। इससे हवा में धुंआ और धूल कणों से स्माग बनने लगा है। जिससे सांस लेने में मुश्किल हो गया है। वहीं लोगों की आंखों में जलन होने लगी है। नेत्र चिकित्सकों के पास भी ओपीडी बढ़ने लगी है।
पटाखों के छोड़ने से बढ़ेगा प्रदूषण का स्तर
शुक्रवार को दशहरा पर्व है। अगले माह में दीपावली पर्व है। इन दिनों में लोग पटाखें छोड़ने लगते हैं। इसके कारण आगे भी से प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। जिससे एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ने की उम्मीद है। जिला प्रशासन ने पटाखें बजाने के लिए समय निर्धारित कर दिया है। जिसके तहत रात्रि को 8 बजे से 10 बजे तक पटाखे बजा सकते हैं। इसी के साथ जिला प्रशासन द्वारा किसानों को खेतों में पराली जलाने के मामलों को रोकने के लिए लगातार निगरानी तेज कर दी है। इसी के साथ किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
30 फीसद फसल की कटाई
जिले में धान की 83 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बिजाई की गई है। किसानों ने अभी तक 30 फीसद फसल की ही कटाई व कढ़ाई की है। जबकि खेतों में 70 फीसद फसल खड़ी हुई है। फसल कटाई व कढ़ाई में अभी भी 15 से 20 दिन लग सकते हैं। इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ रह सकता है। अगर बारिश होती है इससे प्रदूषण का स्तर गिर सकता है। बारिश होने पर ही राहत मिल सकती है।