आंदोलनकारी बॉर्डरों पर भीड़ बढ़ाने का कर रहे आह्वान, कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा होगा ज्यादा

दिल्ली की सीमाओं पर इस आंदोलन को पांच माह से ज्यादा का वक्त हो चुका है। अब आंदोलनकारियों द्वारा पंजाब व हरियाणा से सिंघु व टीकरी बॉर्डर पर भीड़ बढ़ाने का आह्वान किया जा रहा है। आंदोलन को छह माह पूरे होने में अब तीन सप्ताह का समय रह गया।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 09:19 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 09:19 AM (IST)
आंदोलनकारी बॉर्डरों पर भीड़ बढ़ाने का कर रहे आह्वान, कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा होगा ज्यादा
अब पंजाब के 32 किसान संगठन आंदोलन को लेकर रणनीति तय करेंगे।

बहादुरगढ़, जेएनएन। पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद अब आंदोलनकारी एक्टिव मोड में आ गए हैं। दिल्ली की सीमाओं पर इस आंदोलन को पांच माह से ज्यादा का वक्त हो चुका है। अब आंदोलनकारियों द्वारा पंजाब व हरियाणा से सिंघु व टीकरी बॉर्डर पर भीड़ बढ़ाने का आह्वान किया जा रहा है। आंदोलन को छह माह पूरे होने में अब तीन सप्ताह का समय रह गया है। ऐसे में किसान संगठन दोबारा से छह माह का राशन जुटाने की कोशिश में जुट गए हैं।

खेतों में फसल का काम भी लगभग खत्म हो चुका है, ऐसे में बॉर्डरों पर डटे किसान संगठनों के नेताओं द्वारा हरियाणा व पंजाब में घरों पर गए किसानाें से पूरी तैयारी के साथ वापस लौटने का आह्वान किया जा रहा है। इस अपील के साथ किसान संगठनों द्वारा दोबारा से भीड़ बढ़ाकर आंदोलन को तेज करने की जद्दोजहद शुरू कर दी गई है। बुधवार को पंजाब के 32 किसान संगठन आंदोलन को लेकर रणनीति तय करेंगे। इसके एक-दो दिन बाद ही सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक भी प्रस्तावित है।

उसी पर सभी की निगाह टिकी हुई है। अब एक तरफ कोरोना संकट से निपटना ही सरकार व प्रशासन के लिए कठिन चुनौती बना हुआ है। ऐसे में अगर किसान संगठनों द्वारा आंदोलन को तेज करने के लिए बड़ा ऐलान किया जाता है, तो उससे मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। दरअसल, किसान संगठनों के लिए भी कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच आंदोलन को लगातार आगे बढ़ाना मुश्किल है। ऐसे में आंदोलनकारी सरकार पर दबाव बढ़ाकर जल्दी हल निकालने की कोशिश में हैं।

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