जेईटीसी और डीईटीसी की चेकिग पावर वापस लेने के बाद जीएसटी विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

राज्य माल एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रदेशभर में सवाल उठ रहे हैं। विभाग के उच्चाधिकारियों पर आरोप लग रहे हैं कि चयनित ट्रांसपोर्टरों पर ही विभाग कार्रवाई कर रहा है और इससे जुड़ी एक लिस्ट सामने आई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 07:45 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 07:45 AM (IST)
जेईटीसी और डीईटीसी की चेकिग पावर वापस लेने के बाद जीएसटी विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
जेईटीसी और डीईटीसी की चेकिग पावर वापस लेने के बाद जीएसटी विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

जागरण संवाददाता, हिसार : राज्य माल एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रदेशभर में सवाल उठ रहे हैं। विभाग के उच्चाधिकारियों पर आरोप लग रहे हैं कि चयनित ट्रांसपोर्टरों पर ही विभाग कार्रवाई कर रहा है और इससे जुड़ी एक लिस्ट सामने आई है। यह मामला ऐसे समय में उठ रहा है जब हाल ही में उच्च अधिकारियों ने संयुक्त आयुक्त जीएसटी (जेईटीसी) और उप आयुक्त (डीईटीसी) ही नहीं बल्कि ईटीओ स्तर तक के अधिकारियों को चेकिग से वंचित कर दिया है। पिछले दिनों फरीदाबाद में जीएसटी विभाग के एक अधिकारी की आडियो वायरल हो गई तो हिसार में चेकिग के दौरान एक ट्रांसपोर्टर अपनी गाड़ी ही अधिकारी से अभद्रता करते हुए भगा ले गया। यह सभी स्थितियां बताती हैं कि जीएसटी विभाग में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। गौरतलब है कि जिला व जोन स्तर के अधिकारियों की पावर लेने के बाद अब जीएसटी इन्फोर्समेंट कार्यालय से तय होता है कि किस जिलों में रोड साइड चेकिग कराई जाएगी। यह चेकिग एईटीओ इन्फोर्समेंट के माध्यम से कराई जाती है। जिनकी संख्या काफी कम है। इस विभाग के इसी फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की ओर से भी मामले की विजिलेंस जांच की मांग की जा रही है।

ट्रांसपोर्टरों का आरोप, चयनित ट्रांसपोर्टरों पर हो रही कार्रवाई

इस मामले में जीएसटी विभाग के अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं कि वह चयनित ट्रांसपोर्टरों को निशाना बना रहे हैं। खासकर वह लोग जो इस कार्य में नए आए हैं। हिसार में ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने तो नाम न बताने की शर्त पर बताया कि कई ट्रांसपोर्ट के व्यापार में कई लोग वर्षों से काम कर रहे हैं। उनकी बातचीत उच्चाधिकारियों तक है ऐसे में कई बार उनकी गाड़ियों पर कार्रवाई नहीं होती जबकि नए लोगों की गाड़ियों को पकड़ लिया जाता है। ये लोग कहां जाएं और कहां शिकायत करें यह भी नहीं समझ आता। क्योंकि जांच करने वाले और ट्रांसपोर्टर के साथ देने वाले विभाग के कुछ चयनित लोग हैं। इस मामले में अब प्रदेश के अलग-अलग जगह के ट्रांसपोर्टर विरोध कर रहे हैं। इस मामले की तो विजिलेंस जांच होनी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि अधिकारियों की पावर को खत्म कर ऐसा कौन सा सुधार किया जा रहा है।

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केस 1-----------

ट्रांसपोर्टर और एईटीओ की कथित आडियो हुई वायरल

फरीदाबाद में एक आडियो वायरल हुई है। जिसमें कथित रूप से जीएसटी विभाग के एक अधिकारी और ट्रांसपोर्टर के बीच में किसी लिस्ट को लेकर बात हो रही है। जिसमें उस लिस्ट में ट्रांसपोर्टर की गाड़ी न होने की बात अधिकारी कह रहा है। यह लिस्ट 70 से अधिक वाहनों की है। लिस्ट वायरल होने के बाद स्थानीय ट्रांसपोर्टर भी चकित रह गए। यहां ट्रांसपोर्टरों ने मोर्चा खोला हुआ है।

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केस 2------

हिसार में ट्रांसपोर्टर ने एईटीओ से अभद्रता कर छुड़ाई गाड़ी

हिसार में जब एईटीओ चेकिग पर निकले तो एक गाड़ी पर उन्हें संदेह हुआ। यह गाड़ी एसके ट्रांसपोर्ट की थी अधिकारी कुछ जांच कर पाता इससे पहले ही ट्रांसपोर्टर कुछ लोगों के साथ गाड़ी को छुड़ा ले गया। यहां तक कि उसने अधिकारी के साथ भी अभद्रता की। ऐसे में विभाग ने मामला तो पंजीकृत करा दिया मगर स्थानीय अधिकारियों के हाथ खाली ही रहे। अब मामला पुलिस में चला गया है। कई स्थानों से रोड साइड चेकिग को लेकर ट्रांसपोर्टर जांच की मांग कर रहे हैं। किसी भी ट्रांसपोर्टर को अनावश्यक परेशान नहीं किया जाना चाहिए। इस मामले की विजिलेंस जांच हो ताकि आरोपों पर स्थिति साफ हो सके।

कुलदीप बेनीवाल, महासचिव, आल इंडिया ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन।

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