बड़ी राहत : अब नेट क्लीयर करने के तीन साल बाद तक उत्तीर्ण कर सकते हैं पोस्ट ग्रेजुएट

दिसंबर 2018 और जून 2019 में नेट पास करने वाले विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने बड़ी राहत दी है अब नेट परीक्षा उ‌र्त्तीर्ण करने के तीन साल बाद तक पोस्ट ग्रेजुएट की परीक्षा उत्तीर्ण कर सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 05:04 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 05:04 AM (IST)
बड़ी राहत : अब नेट क्लीयर करने के तीन साल बाद तक उत्तीर्ण कर सकते हैं पोस्ट ग्रेजुएट
बड़ी राहत : अब नेट क्लीयर करने के तीन साल बाद तक उत्तीर्ण कर सकते हैं पोस्ट ग्रेजुएट

- दिसंबर 2018 और जून 2019 में नेट पास करने वाले विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने बढ़ाई सर्टिफिकेट की वैधता

- वर्ष में दो बार आयोजित होता है नेट का पेपर, देश भर से 40 से 50 हजार विद्यार्थी लेते हैं भाग

- देश भर के 30 हजार विद्यार्थियों को मिली राहत

भूपेंद्र पंवार. हिसार: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) यानी यूजीसी ने देश भर के 30 हजार से ज्यादा ऐसे विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है जो नेट (नेशनल इलिजीबिलिटी टेस्ट) क्लीयर कर चुके हैं, लेकिन पोस्ट ग्रेजुएट की की डिग्री कोरोना के कारण पूरी नहीं कर पाए। या तो परीक्षा नहीं हो पाई या फिर परीक्षा परिणाम अभी तक जारी नहीं हुआ। इन विद्यार्थियों के नेट सर्टिफिकेट की मान्यता यूजीसी ने वर्ष 2022 तक बढ़ा दी है। अब उन्हें इस अवधि तक दोबारा नेट परीक्षा पास करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

यूजीसी की ओर से वर्ष में दो बार नेट की परीक्षा आयोजित करवाई जाती है। इसमें देश भर से 40 से 50 हजार विद्यार्थी भाग लेते हैं। नियम है कि स्कालरशिप के लिए नेट क्लीयर होना जरूरी है और कालेजों में प्राध्यापक की नियुक्ति के लिए भी मास्टर डिग्री या समकक्ष डिग्री के साथ-साथ नेट क्लीयर होना चाहिए। बड़ी संख्या में ऐसे भी विद्यार्थी होते हैं जो मास्टर डिग्री पूरी करने से पहले ही नेट की परीक्षा देते हैं और उत्तीर्ण भी कर जाते हैं। ऐसे में प्रावधान है कि नेट क्लीयर करने के छह माह से लेकर एक वर्ष तक विद्यार्थी को मास्टर डिग्री कंपलीट करनी होगी। यदि ऐसा नहीं हो पाया तो नेट के सर्टिफिकेट की वैधता अवधि समाप्त हो जाएगी और उन्हें दोबारा नेट की परीक्षा पास करनी होगी। हालांकि बाद में नियम भी बदला और अब नेट सर्टिफिकेट की मान्यता अवधि दो वर्ष तक है।

------------------- कोरोना महामारी के कारण अटकी परीक्षाएं और परिणाम तो संकट में आए विद्यार्थी

पिछले वर्ष कोरोना महामारी ने देश भर में पांव पसारे। ऐसे में देश भर के विश्वविद्यालयों में या तो परीक्षाएं समय पर नहीं हो पाई या फिर परीक्षा परिणाम समय पर जारी नहीं हो पाए। ऐसे में जिन विद्यार्थियों ने दिसंबर 2018 और जून 2019 में नेट की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, उनके नेट सर्टिफिकेट की वैधता अवधि समाप्त हो रही थी। हालांकि इसमें विद्यार्थियों का कोई कसूर नहीं था। इसलिए यूजीसी ने इस पर विचार-विमर्श के बाद फैसला लिया। ------------------ सर्टिफिकेट की मान्यता अवधि बढ़ी

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन की ओर से पब्लिक नोटिस जारी करके राहत दी गई है। इसमें बताया गया है कि कोरोना के कारण सब कुछ प्रभावित हुआ। इसलिए जिन विद्यार्थियों ने दिसंबर 2018 में नेट क्लीयर किया था, उनके सर्टिफिकेट की वैधता अवधि 30 जून 2022 तक रहेगी। यानी इस अवधि तक विद्यार्थियों को पीजी डिग्री 55 फीसदी अंक के साथ उत्तीर्ण करनी होगी। इसके अलावा जिन विद्यार्थियों ने जून 2019 में नेट क्लीयर किया था, उन विद्यार्थियों को 31 दिसंबर 2022 तक अपना परीक्षा परिणाम पेश करना होगा।

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