फतेहाबाद में ब्लेडनुमा तार के बाद झटका मशीन बनी वन्य जीवों के लिए खतरा, करंट से हो सकती मौत

वन्य जीवों को अपने खेत में आने से रोकने के लिए किसान हर प्रकार के प्रयास करते है। पहले ब्लेडनुमा तार लगाते थे। सरकार ने उन पर रोक लगाई तो उससे भी खतरनाक तरीके से झटका मशीन लगाने लग गए। यह मशीन बेहद खतरनाक साबित हो रही है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 05:39 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 05:39 PM (IST)
फतेहाबाद में ब्लेडनुमा तार के बाद झटका मशीन बनी वन्य जीवों के लिए खतरा, करंट से हो सकती मौत
फतेहाबाद में वन्य बाहुल्य क्षेत्र में बड़ी संख्या में किसान लगा रहे झटका मशीन, करंट का रहता भय

फतेहाबाद, जेएनएन। जनसंख्या बढ़ने के साथ वन्य जीवों की संख्या लगातार कम हो रही है। जिले के जो गांवों वन्य जीव बाहुल्य के लिए जाने जाते थे। उनमें भी वन्य जीव बड़ी संख्या में कम हुए है। इसकी वजह है जो लोगों में पहले वन्य जीवों से विशेष लगाव था वो कम हुआ है। अब वे ही वन्य जीवों को अपने खेत में आने से रोकने के लिए हर प्रकार के प्रयास करते है। पहले ब्लेडनुमा तार लगाते थे। सरकार ने उन पर रोक लगाई तो उससे भी खतरनाक तरीके से झटका मशीन लगाने लग गए। यह मशीन बेहद खतरनाक साबित हो रही है। इससे वन्य जीव को बिजली के करंट का झटका दिया जाता है।

इससे वन्य जीव खेत में चरने जाता है तो उसे बड़ा झटका लगता है। कई बार मशीन में अर्थ व करंट एक होकर झटका लगने से वन्य जीवों की मौत हो जाती है। किसान अपनी खेती को बचाने के लिए हर प्रकार के हथकंडे अपना रहे है। इसी लिए अब उन्होंने झटका मशीन का प्रयाेग शुरू कर दिया। यह अन्य बाड़बंदी से सस्ती भी पड़ती है। पहले यह मशीन हांसी व हिसार में मिलती थी। अब इसे फतेहाबाद शहर के अलावा आसपास के कस्बों में भी खूब बेचा जा रहा है। दरअसल, जिले के कुछ ऐसे क्षेत्र है। जिनमें बड़ी संख्या में वन्य जीव जिसमें खासकर हिरण विचरण करते हैं। उन क्षेत्रों में लोगों ने वन्य जीवों को अपने खेत में आने से रोकने के लिए लोगों ने झटका मशीन लगा दी।

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सुअरों को रोकने के लिए लगाई थी, अब वन्य जीवों के लिए खतरा :

जिले के गांव काजल, खजुरी, बड़ोपल व कुम्हारिया क्षेत्र में सुअरों की संख्या लगातार बढ़ी। सुअर खेतों में रहने के करण किसानों की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया। किसानों ने सुअर से अपनी फसल का बचाव करने के लिए झटका मशीन लगाना शुरू कर दी। इससे सुअर तो कम नहीं हुए। लेकिन वन्य जीवों पर संकट बढ़ गया।

सरकार की उपेक्षा से दुखी किसान :

क्षेत्र के किसानों का कहना है कि वे अपनी फसल को बचाने के लिए झटका मशीन लगाई हुई है। लोगों ने पहले सरकार से सुअरों की बढ़ती संख्या रोकने के लिए कई बार मांग की। सीएम विंडो सहित उपायुक्त को भी शिकायत दी। लेकिन न ही सरकार व प्रशासनिक स्तर पर किसानों की समस्या को गंभीरता से लिया गया। मजबूरन किसानों ने झटका मिशन लगा दी। इससे अब सुअरों के अलावा नीलगाय व हिरण पर भी रोक लग गई। हिरण ज्यादा फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाते। लेकिन बाड़बंदी करके झटका मशीन लगाने से उन पर भी रोक लगी है। ऐसे में हिरण की संख्या कम होगी। जो पहले से शिकारी कुत्तों व अन्य कारणों से कम हो रहे है।

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वन्य जीवों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा विभाग : नेहरा

वन्य प्राणी विभाग वन्य जीवों को बचाने के लिए रह संभव बचाने का प्रयास कर रहा है। पहले ब्लैडनुमा तार को हटाने के लिए विभाग के अभियान चलाया था। अब कई जगह झटका मशीन के साथ अन्य शिकायत आई हुई। पूरा मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में दे दिया है। वन्य जीवों को किसी तरह से भी नुकसान होने पर संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। मेरा आग्रह है कि वन्य जीवों को सब बचाने का प्रयास करें। यदि कोई उन्हें नुकसान पहुंचाता है तो इसकी सूचना विभाग को दे।

- जयविंद्र नेहरा, इंस्पेक्टर, वन्य प्राणी विभाग।

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