छह साल की मासूम की अस्मत लूट हत्या करने वाला दोषी करार, जानें क्यों मची थी खलबली

उकलाना की छह साल की गुड़िया से द¨रदगी और हत्या के बहुचर्चित मुकदमे में उकलाना निवासी आरोपित को बुधवार को दोषी करार दे दिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Sep 2018 10:17 AM (IST) Updated:Thu, 13 Sep 2018 11:30 AM (IST)
छह साल की मासूम की अस्मत लूट हत्या करने वाला दोषी करार, जानें क्यों मची थी खलबली
छह साल की मासूम की अस्मत लूट हत्या करने वाला दोषी करार, जानें क्यों मची थी खलबली

जेएनएन, हिसार : एडीजे-1 स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश डीआर चालिया ने उकलाना की छह साल की गुड़िया से द¨रदगी और हत्या के बहुचर्चित मुकदमे में उकलाना निवासी आरोपित को बुधवार को दोषी करार दे दिया। अदालत दोषी को 18 सितंबर को सजा सुनाएगी। पुलिस ने वारदात के छह दिन बाद उकलाना के नाबालिग आरोपित को गिरफ्तार किया था। उसका मुकदमा नाबालिग आरोपित के तौर पर विचाराधीन था। वारदात के समय उसकी उम्र पौने अठारह साल थी।

उकलाना थाना पुलिस ने इस संबंध में 9 दिसंबर 2017 को केस दर्ज किया था। अदालत में चले अभियोग के अनुसार घटना वाले दिन सुबह 6 बजे उकलाना की टेलिफोन एक्सचेंज के पास की एक सुनसान गली में छह साल की एक बच्ची अर्धनग्न और बदहवास हालत में पड़ी मिली थी।

बाद में वहां एक महिला पहुंची थी और उसने बच्ची को अपनी बेटी बताया था। महिला ने अपने ससुर, देवर और पुलिस को सूचना देकर मौके पर बुलाया था। वहां से बच्ची को एक गाड़ी में उकलाना के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया था। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। उकलाना की एक महिला ने पुलिस को बयान देकर कहा था कि उसका पति मजदूरी करने गुरुग्राम गया हुआ है। मैं रात 8 बजे अपने दो बेटों और दो बेटियों समेत झुग्गी में सोई थी। साथ वाली झुग्गी में एक और परिवार सो रहा था। मैंने उठकर सुबह 7 बजे देखा तो मेरी 6 साल की बच्ची गायब थी। मैंने बच्ची को इधर-उधर तलाश किया, लेकिन वह नहीं मिली। उसने फिर ससुर और देवर को बुलाकर बच्ची की तलाश शुरू कर दी। वे टेलिफोन एक्सचेंज के पास पहुंचे तो वहां सुनसान गली में बच्ची अर्धनग्न और घायल अवस्था में पड़ी थी। सरकारी अस्पताल में ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। किसी ने झुग्गी से बच्ची को उठाकर द¨रदगी कर उसकी हत्या कर दी थी।

उकलाना थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर दुष्कर्म करने, हत्या करने और 6 पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। उप जिला न्यायवादी राजीव सरदाना और शिकायतकर्ता के अधिवक्ता बीएस बौंदिया ने बताया कि हमने अदालत के सामने तमाम साक्ष्य पेश किए। जिसके आधार पर अदालत ने आरोपित को दोषी माना। दोषी के अधिवक्ता प्रदीप सैनी ने बताया कि वे सत्र न्यायालय के फैसले को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।

पुलिस ने बनाए थे 43 गवाह

- उकलाना थाना पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की तफ्तीश कर 43 गवाह बनाए थे। 43 गवाहों में से 7 गवाह प्राइवेट थे। 2 प्राइवेट गवाह अदालत में मुकर गए थे और 41 सरकारी और प्राइवेट गवाहों ने अदालत में अपनी गवाही दर्ज कराई थी। अदालत ने गवाही और पुलिस के साक्ष्यों को देखते हुए आरोपित को दोषी मानकर सजा सुनाने के बारे में फैसला सुरक्षित रख लिया।

राजनैतिक और सामाजिक संगठनों ने दिया था धरना

परिजनों ने मामले में किसी को नामजद नहीं किया था। इस कांड के बाद उकलाना कस्बे में भारी रोष था और पुलिस के लिए मुजरिम गिरफ्तार करना किसी चुनौती से कम नहीं था। राजनैतिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुजरिम को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया था। यही नहीं, उन्होंने वारदात के विरोध में उकलाना बंद करने की चेतावनी दे दी थी। तत्कालीन एसपी मनीषा चौधरी ने मोहलत मांगकर धरनारत लोगों को शांत किया था।

एसआइटी ने गिरफ्तार किया था पड़ोसी को

- पुलिस ने लोगों के रोष को देखते हुए डीएसपी जयपाल ¨सह के नेतृत्व में एसआइटी गठित की थी। एसआइटी की टीम ने गहन जांच कर पड़ोस के पौने अठारह साल के एक लड़के को गिरफ्तार किया था। उसने पूछताछ में बताया था कि मैंने रात को बच्ची को उठाया था और टेलिफोन एक्सचेंज के पास ले जाकर द¨रदगी की थी। बच्ची पीड़ा सहन नहीं कर पाई थी और उसकी मौत हो गई थी।

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