Acetic Acid Leak: सिरसा में पंजाब की फार्मा कंपनी के लिए हांगकांग से आए केमिकल का रिसाव, 10 किसानों की फसल सूखी
सिरसा के डबवाली-संगरिया रोड पर गांव अबूबशहर के समीप संगरिया से डबवाली की ओर जा रहे टैंकर में गैस रिसाव होने से रोड किनारे स्थित नरमा धान की फसल सूख गई। केमिकल की बदबू से लोगों का जीना दुभर हो गया।
संवाद सहयोगी, डबवाली(सिरसा)। बृहस्पतिवार को डबवाली-संगरिया रोड पर गांव अबूबशहर के समीप संगरिया से डबवाली की ओर जा रहे टैंकर में गैस रिसाव होने से रोड किनारे स्थित नरमा, धान की फसल सूख गई। केमिकल की बदबू से लोगों का जीना दुभर हो गया। वहीं आंखों में जलन शुरु हो गई। किसानों ने अपनी परवाह न करते हुए खराब हुई फसल को बचाने के लिए एसडीएम डबवाली कार्यालय के लैंडलाइन नंबर पर बार-बार घंटी की। छुट्टी होने के कारण किसी ने फोन नहीं उठाया, तो ऐसे में एसडीएम के रीडर धर्मपाल भाटी को सूचित किया गया। दमकल केंद्र की गाड़ी मौका पर पहुंची। रोड किनारे बिखरे केमिकल पर पानी छिड़काव किया गया। जिससे उसका प्रभाव ज्यादा बढ़ गया।
खेतों में फैला केमिकल
तेज हवा के साथ केमिकल खेतों में फैल गया, कुछ समय में धान सफेद हो गई, नरमा के पौधे सूख गए। किसानों में प्रशासन पर सुनवाई न करने का आरोप लगाते हुए शाम करीब चार बजे रोड जाम कर दिया। सूचना पाकर सदर थाना प्रभारी देवीलाल मौका पर पहुंचे। उनके समझाने पर करीब आधा घंटा बाद किसानों ने जाम खोल दिया। करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत चली तो शाम करीब 6.05 बजे किसानों ने पुन: रोड जाम कर दिया। किसानों ने सरकार से खराब हुई फसल के मुआवजे की मांग की है।
10 किसानों की फसल, नर्सरी प्रभावित
बलकार सिंह एक एकड़ नरमा, दो कनाल मक्का
राकेश कुमार दो एकड़ नरमा, दो एकड़ धान
महेंद्र सिंह तीन एकड़ नरमा
नंदराम दो एकड़ नरमा
राम कंबोज तीन एकड़ नरमा, चार कनाल मक्का
कृष्ण लाल तीन एकड़ नरमा
शेर सिंह दो एकड़ नरमा
मंगल सिंह तीन एकड़ चावल
राजेंद्र दो एकड़ नरमा
मुकेश कुमार चार कनाल नर्सरी में फूल
घंटी बजती रही, फोन नहीं उठाया
गांव अबूबशहर के किसान राजीव घोड़ेला ने बताया कि टैंकर संगरिया से डबवाली की ओर जा रहा था। मार्ग में कोई गाड़ी टैंकर से टकरा गई थी। इस वजह से लीकेज शुरु हो गई थी। टैंकर गांव अबूबशहर के पास रोड पर स्थित एक ढाबा पर रुका। लीकेज के कारण केमिकल वहीं बिखर गया। सुबह आठ बजे से किसान इस संबंध में अधिकारियों को सूचना देने के लिए प्रयासरत थे। घोड़ेला ने बताया कि कृषि विभाग में कार्यरत गांव अबूबशहर का ग्रामीण मौका पर पहुंचा था। ग्रामीण एसडीओ के न पहुंचने से खफा थे।
हांगकांग से आया था एसिड
कृषि विभाग ने संबंधित टैंकर चालक से कागज लिए तो पता चला कि टैंकर में एसिटिक एसिड भरा हुआ था। जो जुनान रिसोर्सिज हांग कांग कंपनी से आया था। गुजरात की कांडला बंदरगाह पर स्थित बालाजी मंदिर के समीप कस्टम हाऊस पर डिलीवर होने के बाद 20 सितंबर को पंजाब की एक केमिकल एवं फार्मा कंपनी में जा रहा था। बताया जाता है कि उपरोक्त एसिड की डिलीवरी फतेहगढ़ छन्ना (पंजाब) में होनी थी।
फार्मा में होता है एसिटिक एसिड का प्रयोग
डबवाली के कार्यकारी खंड कृषि अधिकारी सुनील ग्रेवाल ने बताया कि एसिटिक एसिड का काफी जगह प्रयोग होता है। इसका प्रयोग फार्मा में होता है। जैसे ही इसके रिसाव की सूचना मिली तो टीम मौका पर पहुंची थी। किसानों को बताया था कि वे कली की स्प्रे करें। ताकि नुकसान से बचा जा सकें। टीम ने रिपोर्ट दी है कि एसिड से तेज गंध आ रही है, आंखों में जलन होती है। सकताखेड़ा माइनर से पेट्रोल पंप के बीच का हिस्सा सबसे ज्यादा प्रभावी है। हमनें दो सैंपल लिए है। कृषि वैज्ञानिक डा. ऋषि सिरसा से बातचीत करके किसानों को जागरुक किया है। हम लगातार किसानों के संपर्क में है। कृषि वैज्ञानिकों को मौका पर पहुंचने का अनुरोध किया है।