ऐलनाबाद में अभय चौटाला बोले, फसल पकने का समय है तो मैं कटवा दूंगा, किसान आंदोलन जारी रखना

अभय चौटाला ने कहा कि किसी साथी के खेत की फसल कटाई के लिए खड़ी है तो मैं कटवा दूंगा उसे निकलवाउंगा और एमएसपी पर बिकवाउंगा। उन्होंने कहा कि आपके गांव में भाजपा जजपा का कोई नेता आए तो उसका विरोध करें।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 03:30 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 03:30 PM (IST)
ऐलनाबाद में अभय चौटाला बोले, फसल पकने का समय है तो मैं कटवा दूंगा, किसान आंदोलन जारी रखना
सिरसा ऐलनाबाद में किसान सम्मेलन को संबोधित करते अभय सिंह चौटाला

सिरसा, जेएनएन। सिरसा में ऐलनाबाद की अनाजमंडी में बुधवार को किसान सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोराेना की आड़ में कृषि कानून लागू कर किसानों को लूटने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मेरे सामने दो विकल्प थे, एक विकल्प था कुर्सी और दूसरा किसान। मैने कुर्सी छोड़कर किसान के साथ छोड़ने का काम किया। मेरी रगों में चौ. देवीलाल का खून है। उन्हाेंने प्रधानमंत्री की कुर्सी को ठुकराने का काम किया। उन्होंने कहा कि सभी राजनीति व छोटे मोटे विवाद से उपर उठकर किसान आंदोलन को मजबूत करें।

उन्होंने कहा कि किसी साथी के खेत की फसल कटाई के लिए खड़ी है तो मैं कटवा दूंगा, उसे निकलवाउंगा और एमएसपी पर बिकवाउंगा।  उन्होंने कहा कि आपके गांव में भाजपा, जजपा का कोई नेता आए तो उसका विरोध करें। ऐलनाबाद के उपचुनाव आएगा, ऐलनाबाद का कर्ज मेरे उपर है। आपने मुझे विधानसभा का सदस्य चुना था। देश का प्रधानमंत्री मुझे हराने के लिए आया था, उस समय भी आपने मुझे चुना था। आने वाले उपचुनाव में भी ऐसे लोगों को सबक सिखाना।

इस अवसर पर किसान, मजदूर व व्यापारी कमेटी की तरफ से इनेलो नेता चौ. अभय सिंह चौटाला को किसान केसरी की उपाधि देते हुए पगड़ी भेंट कर सम्मानित किया। अभय सिंह को किसानी के प्रतीक हल भेंट कर सम्मानित किया। समारोह में सोनिया मान, मनकीरत औलख, अजय हुड्डा, विक्की बेंसला ने शिरकत की। इस मौके पर पूनम पंडित, किसान नेता प्रकाश ममेरां व अन्य किसान नेताओं ने भाग लिया। इस मौके पर बार एसोसिएशन, स्वर्णकार एसोसिएशन, मंडी मजदूरी यूनियन, भगत सिंह महिला मंडल की ओर से भी अभय सिंह को सम्मानित किया गया।    

अभय सिंह ने कहा कि कोरोना के दौरान अनेक बड़े बड़े घोटाले हुए। हरियाणा में मंडियों में धान की फसल की एमएसपी देने की बजाय 250-300 रुपये कम करने का काम किया। काेरोना से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कमेटी बनाई, जिसमें मैं तथा भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल थे। केंद्र ने 17 हजार करोड़ रुपया किसानों की गेहूं खरीद के लिए दिया था परंतु किसानों को गेहूं के भुगतान के लिए चक्कर काटने पड़े। उसके बाद शराब, रजिस्ट्री, स्वास्थ्य विभाग में घोटाले हुए। प्रदेश में किसानों को लूटा जा रहा था वहीं प्रधानमंत्री कृषि के कानून बनाने जा रहा था। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि 2012 में कांग्रेस सरकार ने कृषि कानूनों के लिए कमेटी बनाई गई, इसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल था।

कांग्रेस भी इस बिल को लागू करना चाहती थी परंतु उनके पास बहुमत नहीं था। उस समय कांग्रेस को अनेक छोटी पार्टियों का समर्थन था, उन्होंने बिल लागू करने पर समर्थन वापस लेने की चेतावनी कोरोना की आड़ में किसानों को लूटने के लिए काम किया। विधानसभा में इनेलो ने ही कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने का काम किया। प्रदेश के सभी जिलों में उपायुक्त को ज्ञापन दिये गए। मैंने उस वक्त में इस्तीफा दिया जब भाजपा आंदोलन को तोड़ने का काम कर रही थी। 26 जनवरी को जब किसान तिरंगा यात्रा निकाल रहा था, केंद्र की सरकार किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर कर रही है। केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन को कमजोर करने की साजिशें रची।  

सम्मेलन को संबोधित करते हुए सोनिया मान ने कहा कि अभय सिंह ने कृषि कानूनों के विरोध में विधानसभा से इस्तीफा देने का ऐलान किया था और उस पर खरे भी उतरे। अभय सिंह वास्तव में चौ. देवीलाल के वंशज है, जो वास्तव में किसानों के मसीहा थे। गायक अजय हुड्डा ने मोदी जी थ्हारी तोप कठै, हम दिल्ली आ गए गीत सुनाया।

पूनम पंडित ने अपने संबोधन में कहा कि अभय सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देकर नेक काम किया है, इससे हम जैसे युवा को सीख मिलती है। 2013 में धान का रेट 4500 कुछ था, 2020 में 2200 कर दिया। पेट्रोल डीजल के दाम सौ रुपये पहुंच गया। किसानों को आंतकवादी, खालिस्तानी कहा जा रहा है। आंदोलन को 96 दिन पूरे हो गए है परंतु सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं। कानून बैक डोर से लेकर आएं हैं, वोटिंग से लेकर क्यों नहीं आए। जो राष्ट्रीयकरण की बात करेगा, उसका साथ देंगे, निजीकरण को बढ़ावा देने वाले का साथ नहीं देंगे।

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