एक गांव ऐसा जहां चौधर के लिए चार साल से जारी खूनी जंग, पांच लोगों की हो चुकी हत्या
भिवानी के गांव बड़ेसरा में सरपंची की चौधर के लिए चार साल से दो परिवार में खून बह रहा है। अब पांचवा कत्ल कर दिया। गांव में तनाव का माहौल हर वक्त बना रहता है।
भिवानी [अशोक ढिकाव] गांव बड़ेसरा में कुर्सी व चौधर की जंग खतरनाक रूप धारण कर चुकी है। इस खूनी जंग में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या हो चुकी है। चार साल से चले आ रहे इस खूनी खेल की शुरूआत 2016 में हुई थी। तब बबलू पहलवान की पत्नी सुदेश ने पूर्व सरपंच पवन के परिवार की चौधर में बड़ा दखल देते हुए सरपंच पद हासिल कर लिया था। चुनाव में हारे पूर्व सरपंच पवन ने आरटीआइ लगाकर सरपंच के प्रमाण पत्र फर्जी होने की आवाज उठाई तो विवाद खड़ा हो गया। इसी वजह से गांव में खूनी जंग शुरू हो गई। वर्ष 2017 में एक साथ तीन व्यक्तियों को दूसरे गुट के लोगों ने मौत के घाट उतार दिया। अब तक इस जंग में एक ही परिवार के पांच व्यक्तियों को मौत की नींद सुलाया जा चुका है। पांचवीं हत्या बुधवार सुबह पूर्व सरपंच पवन के चाचा 77 वर्षीय सूबे सिंह को गोली मारकर की गई।
ग्रामीण बताते हैं कि वर्ष 2016 से पहले सरपंच रहे पवन कुमार के परिवार के लोग तीन पीढिय़ों से सरपंच चुनाव में चौधर करते आ रहे थे। पवन कुमार, सूबेसिंह और पवन का पिता भल्लेराम गांव के सरपंच रह चुके थे। वर्ष 2016 में बबलू पहलवान की पत्नी सुदेश चुनाव जीत गई और पवन ने सुदेश के प्रमाण पत्र फर्जी होने का दावा कर सरपंची छीनने का प्रयास किया।
एक साल बाद तीन लोगों की हत्या
सरपंची के चुनाव के एक साल बाद वर्ष 2017 में बबलू के परिवार के लोगों ने पवन के परिवार पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया था। इसमें दर्जनों लोग घायल हुए। इसमें पूर्व सरपंच पवन का पिता भल्लेराम, चाचा महेंद्र सिंह व भाई बलजीत मारे गए। दर्जनों व्यक्तियों पर मामला दर्ज हुआ। इसके बाद 14 अक्टूबर 2019 को गांव में इन दोनों गुटों के बीच फिर से खूनी संघर्ष हुआ। इसमें पूर्व सरपंच पवन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। तब से यह खेल नहीं थमा है।
चौधर के लिए दोनों परिवार हो चुके हैं बर्बाद
सच तो यह है कि सरपंची की चौधर के लिए दोनों ही परिवार बर्बाद हो चुके हैं। एक परिवार के पांच लोग मारे जा चुके हैं तो दूसरे परिवार के 26 लोग सलाखों के पीछे जा चुके हैं। इनमें अभी 13 व्यक्ति जेल के अंदर हैं। सवाल उठता है कि आखिर नफरत का यह खूनी खेल कब थमेगा।
जेल की सलाखों के पीछे से चल रही है साजिश
पीडि़त परिवार का आरोप है कि इस पूरे षड्यंत्र व खूनी जंग के लिए जेल की सलाखों के पीछे से ही साजिश रची जा रही है। बबलू पहलवान व अन्य मुख्य आरोपित जेल के अंदर बैठ कर इसकी साजिश रचते हैं। पुलिस को अनेक बार आगाह किया गया, लेकिन पुलिस ने सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई है।