MSP से दोगुनी कीमत पर फसल बेच रहा ये किसान, सालाना कमा रहा 11 लाख रुपये

फतेहाबाद में गांव भट्टू निवासी किसान सुरजीत हिसार के गांव काजला में जैविक खेती करते हैं। 23 एकड़ जमीन पर सालाना प्रति एकड़ 50000 शुद्ध मुनाफा कमाते हैं। सभी फसलें जहर मुक्‍त होती हैं और कई गुना भाव मिलता है।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 01:42 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 01:42 PM (IST)
MSP से दोगुनी कीमत पर फसल बेच रहा ये किसान, सालाना कमा रहा 11 लाख रुपये
किसान सुरजीत सिंह जो जैविक खेती से लाखों रुपये कमा रहे हैं।

हिसार [चेतन सिंह] कृषि विधेयक और एमएसपी पर हंगामे के बीच एक किसान ऐसे हैं जो छह साल से अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक पर बेच रहे हैं। अग्रोहा के काजला गांव में खेती करने वाले भट्टू निवासी किसान सुरजीत सिंह 23 एकड़ में जैविक खेती करते हैं। ये 5000 से 6000 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं बेचते हैं जबकि एमएसपी 1975 रुपये प्रति क्विंटल है। इसी प्रकार सरसों का एमएसपी 4600 रुपये प्रति क्विंटल है, मगर सुरजीत 6000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सरसों बेच रहे हैं।

मुनाफा अधिक हो, इसके लिए ये सरसों सीधी न बेचकर तेल निकालकर बेचते हैं। सरसों तेल निकालकर बेचने पर तेल और खल दोनों बिकता है। इससे ज्यादा मुनाफा होता है। इसी प्रकार देसी बाजरा, जिसका एमएसपी 1800 रुपये प्रति क्विंटल है, वह 3500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेच रहे हैं। किसान सुरजीत ङ्क्षसह ने बताया कि काजला में जहां उनके खेत हैं, वहां कम पानी खेती के लिए उपलब्ध है। बावजूद इसके 23 एकड़ जमीन से वह हर साल 50 हजार रुपये प्रति एकड़ शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं।

बिना कीटनाशकों के देसी खाद का कर रहे प्रयोग

किसान सुरजीत ने बताया कि आजकल किसान कीटनाशक का अधिक प्रयोग करते हैं, जिससे उनकी कृषि योग्य भूमि की उर्वरा शक्ति तो कमजोर होती ही है, साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी बूरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि वे देसी खाद से जहरमुक्त अनाज पैदा करते हैं। अब लोग स्वास्थ्य के प्रति गंभीर हो रहे हैं और महंगे दाम पर अच्छा अनाज खरीद रहे हैं, जिससे उन्हें भी मुनाफा हो रहा है।

बिना बिचौलियों के फसल बेची

किसान सुरजीत ने बताया कि उन्होंने जहरमुक्त खेती को बढ़ावा दिया है। जिन लोगों को फसल दी, उन लोगों को अनाज इतना अच्छा लगा कि उन लोगों ने ही उनकी मार्केङ्क्षटग कर दी। अपनी फसल को सीधा ग्राहक को दिया। बिना बिचौलिये के फसल को बेचा। इसका फायदा सीधा उनको हुआ। अब सरकार भी यही कर रही है। कृषि विधेयक में बिना बिचौलिये के फसल बेचने की आजादी दी गई है। अगर किसान अच्छी फसल लगाता है तो अच्छे दाम मिलने से उसे कोई रोक नहीं सकता।

अपनी चुनी सरकार पर भरोसा करें किसान

सुरजीत सिंह का कहना है कि एमएसपी तय होने से कोई खास फर्क नहीं पडऩे वाला। इसके लिए किसानों को तकनीक में बदलाव करना होगा, फसल अपने आप महंगे दामों पर बिकेंगी। कृषि विधेयक का आपसे जीवन पर बुरा असर पड़े तो बाद में विरोध कर लेना। अभी विरोध उचित नहीं है। अपनी चुनी सरकार पर विश्वास करें।

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