युवाओं की सराहनीय पहल, सुंडाना में मंदिर परिसर में बनाई अत्याधुनिक लाइब्रेरी
गांव सुंडाना से शहर करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है। साधन संपन्न परिवारों के बच्चे तो शहर में लाइब्रेरी में पढ़ने पहुंच जाते हैं। लेकिन काफी ऐसे परिवार हैं जो अपने बच्चों को शहर भेजने में सक्षम नहीं हैं। न पंचायत से मांगी मदद न सरकार से अनुदान मिला।
हिसार/रोहतक, जेएनएन : सुंडाना गांव के युवाओं ने मंदिर परिसर में खाली पड़ी जगह पर डिजिटल
लाइब्रेरी स्थापित कर दी है। इस लाइब्रेरी में गांव के वे युवा शिक्षा ग्रहण कर अपने लक्ष्य हासिल कर पाएंगे, जो आर्थिक या अन्य कारणों से शहर में जाकर लाइब्रेरी की सुविधा नहीं ले पा रहे थे। खासकर युवतियों के लिए यह उनके सपने पूरे करने में सहायक साबित हो रही है। खास बात यह है कि इस लाइब्रेरी स्थापित करने में युवाओं ने न तो पंचायत से आर्थिक मदद ली और न ही सरकार से किसी प्रकार का कोई अनुदान। गांव के ही सक्षम युवाओं ने आर्थिक सहयोग दिया, जिससे इसकी स्थापना की गई है।
गांव सुंडाना से शहर करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है। साधन संपन्न परिवारों के बच्चे तो शहर में लाइब्रेरी में पढ़ने पहुंच जाते हैं। लेकिन काफी ऐसे परिवार हैं, जो अपने बच्चों को शहर भेजने में सक्षम नहीं हैं। इसे देखते हुए गांव के युवाओं द्वारा गठित सर्व कल्याण संघ ने अत्याधुनिक लाइब्रेरी स्थापित करने का निर्णय लिया। मंदिर परिसर में दो धर्मशाला हैं, जिसमें एक खाली पड़ी थी। इस धर्मशाला में ही लाइब्रेरी बनाने का फैसला हुआ। लेकिन संसाधनों के लिए बजट आड़े आ गया। लेकिन युवाओं ने आपस में ही थोड़ा-थोड़ा आर्थिक सहयोग देना शुरू किया। इसके बाद गांव के सक्षम युवाओं व लोगों से मदद मांगी और मंदिर परिसर में बेहतर लाइब्रेरी स्थापित करने में कामयाब हो गए।
लाइब्रेरी में दी गई ये सब सुविधाएं
लाइब्रेरी में वे सभी सुविधाएं दी गई हैं, जो शहर में बड़ी-बड़ी पेड लाइब्रेरी में दी जाती हैं। गर्मी से राहत दिलाने के लिए एसी लगाए गए हैं। इसके अलावा सभी विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग सीटिंग प्लान, वाईफाई, ज्ञानवर्धक पुस्तकें, मैग्जीन, करंट अफेयर्स की पुस्तकें, अखबार के अलावा अध्यात्मक पुस्तकें भी लाइब्रेरी में उपलब्ध है। पीने का स्वच्छ जल व अन्य सभी सुविधाएं दी गई हैं। मंदिर परिसर में हरियाली और पार्क पढ़ने के लिए बेहतर वातावरण बनाने में सहायक है।
लड़के-लड़कियों का अलग- अलग टाइम टेबल
लड़कियों की सुरक्षा और उनको बेहतर माहौल देने के लिए अलग से समय निर्धारित किया गया है। सुबह के सत्र में लड़कियों तथा शाम के सत्र में लड़कों के लिए समय निर्धारित किया गया है। बेहतर माहौल और सुविधाओं को देखते हुए जो लड़कियां व लड़के शहर की लाइब्रेरी में पढ़ने जाते थे, अब
वो गांव की इसी लाइब्रेरी में आना शुरू हो गए हैं। किसी प्रकार की व्यवधान उत्पन्न न हो, इसलिए अनुशासन व निगरानी कमेटी का गठन किया गया है।
शिक्षा से वंचित न रहे युवा, इसलिए स्थापित की लाइब्रेरी
सर्व कल्याण संघ के सदस्य श्रवण कुमार ने बताया कि शिक्षा से कोई भी युवा वंचित न रह सके, इसलिए गांव में लाइब्रेरी स्थापित करने का निर्णय संघ के सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से लिया। गांव के ही युवाओं व उनके परिवारों से आर्थिक सहयोग लिया। गांव के ही पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी फूल सिंह ढाका का भी मार्गदशन मिलता रहता है। युवा जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उनको इस लाइब्रेरी से काफी फायदा मिल रहा है। संघ कीतरफ से रखरखाव, सफाई कर्मी, लाइब्रेरियन व अन्य खर्चों के लिए लड़कियों के लिए 200 और लड़कों के लिए 300 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस रखी है। जो युवा फीस देने में सक्षम नहीं हैं, उनको निश्शुल्क सुविधा प्रदान की जाती है।