कैसे पढ़ेंगी बेटियां : हरियाणा में प्राइमरी शिक्षा के बाद 37 फीसद लड़कियों की छूट जाती है पढ़ाई
सेकेंडरी तक 86.73 फीसद लड़कियों और 86.4 फीसद लड़कों को पढ़ाई के लिए भेजा जाता है स्कूल। हायर सेकेंडरी में मात्र 60.45 फीसद लड़कियां और 61.3 फीसद लड़के पहुंचते हैं पढ़ाई करने।
रोहतक [पुनीत शर्मा] हरियाणा में पीएम मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की, इससे बदलाव जरूर आए हैं मगर अभी भी बेटियों की शिक्षा का विषय प्रदेश में विचारणिय है। क्योंकि प्रदेश की 36.61 फीसद लड़कियों और 30.47 फीसद लड़कों को प्राइमरी के बाद विभिन्न कारणों के चलते पढ़ाई करने से रोक दिया जाता है।
जिसके कारण आज भी बड़ी संख्या में लड़कियों में शिक्षा का अभाव पाया जा रहा है, जिसके कारण उनके पूरे परिवार समेत बच्चों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। प्रदेश में आज के समय में भी लड़कियों को घर से बाहर निकलने की बंदिशें, पढ़ने के लिए बाहर न भेजने की आजादी समेत अन्य ऐसे कारण हैं, जिनके कारण लड़कियों की शिक्षा के स्तर में आज भी अपेक्षित बढ़ोत्तरी नहीं हो सकी है।
प्रदेश में करीब 97.06 फीसद लड़कियां प्राइमरी स्तर तक पढ़ाई करतीं हैं। हायर सेकेंडरी तक पहुंचते-पहुंचते लड़कियों की संख्या में 36.61 फीसद की कमी आ जाती है। जिसका प्रभाव किसी एक राज्य में न पड़कर बल्कि देश के सभी राज्यों में पड़ता है। हरियाणा में महिलाओं पर बंदिशों के कारण आज भी पढ़ाई के लिए स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है। सेकेंडरी एजुकेशन में एलीमेंट्री एजुकेशन की अपेक्षा लड़कियों की संख्या 10.33 फीसद घटकर 86.73 और लड़कों की संख्या 5.37 फीसद घटकर 86.4 फीसद रहती है।
हायर सेकेंडरी एजुकेशन में सेकेंडरी एजुकेशन की अपेक्षा लड़कियों की संख्या में 26.28 फीसद की गिरावट दर्ज करते हुए 60.45 और लड़कों की संख्या 25.1 फीसद घटकर 61.3 फीसद रह जाती है। प्राइमरी शिक्षा के बाद लड़कियों और लड़कों की संख्या में बड़ी गिरावट आज भी प्रदेश में महिलाओं को शिक्षित होने से रोकने में बड़ा रोड़ा बनी हुई है।
सेकेंडरी एजुकेशन में सर्वाधिक संख्या वाले राज्य
राज्य का नाम लड़कियों का प्रतिशत लड़कों का प्रतिशत
लक्ष्यदीप 100 100
हिमाचल 92.70 100
तमिलनाडू 92.52 91.26
पुद्दूचेरी 86.61 83.4
गोवा 85.84 98.93
सेकेंडरी एजुकेशन में सबसे कम संख्या वाले राज्य
राज्य का नाम हायर सेकेंडरी लड़कों का प्रतिशत
बिहार 29.24 70.09
नागालैंड 36.74 58.98
झारखंड 37.88 60.55
ओडिशा 39.51 80.14
त्रिपुरा 40.50 98
नोट :: उक्त आंकड़े राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल सर्वे 2019 से लिए गए हैं।