एमएलए डा. गुप्ता समेत 23 नेताओं को हाईकोर्ट से राहत, याचिका स्वीकारी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक डॉ. कमल गुप्ता समेत 23 लोगों के खिलाफ चल रहे केस को वापस लेने की सरकारी पक्ष की याचिका स्वीकार कर ली है।
हिसार, जेएनएन। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक डॉ. कमल गुप्ता समेत 23 लोगों के खिलाफ चल रहे केस को वापस लेने की सरकारी पक्ष की याचिका स्वीकार कर ली है। इससे आरोपितों को राहत मिल गई है। इससे पहले यहां का सत्र न्यायालय और निचली अदालत केस वापस लेने की याचिका खारिज कर चुके हैं। उसके बाद सरकारी पक्ष हाईकोर्ट पहुंचा था।
प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दौरान 12 जून 2013 को भाजपा और हजकां कार्यकर्ताओं ने दिल्ली रोड पर तत्कालीन मंत्री सावित्री ¨जदल के आवास के सामने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए रास्ता जाम किया था। कुछ लोगों ने पुलिस कर्मियों पर काला तेल फेंका था। प्रदर्शनकारियों ने मंत्री के घर में घुसने का प्रयास किया था। डीएसपी सिद्धार्थ ढांडा के नेतृत्व में वहां पर पुलिस बल तैनात था।
पुलिस कर्मियों ने लाठीचार्ज कर कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया था। सिविल लाइन थाना पुलिस ने इस मामले में सरकारी ड्यूटी में बाधा पहुंचाने, रोड जाम करने, कोठी में घुसने का प्रयास करने और तोड़-फोड़ करने का केस दर्ज किया था। सरकारी पक्ष ने इससे पहले सत्र न्यायालय में केस वापस लेने की याचिका लगाई थी। कोर्ट ने रिवीजन खारिज कर दी थी। उससे पहले एसीजेएम सुरेंद्र कुमार की अदालत में केस वापस लेने के लिए याचिका लगाई गई थी।
उस अदालत ने भी याचिका खारिज की थी। इन नेताओं पर केस दर्ज हुआ था पुलिस ने इस मामले में डॉ. कमल गुप्ता, डॉ. योगेश बिदानी, रवि सैनी, अरुण कुमार, प्रवीन जैन, मनदीप मलिक, प्रकाश अग्रवाल, राजेंद्र सपड़ा, सुजीत कुमार, रणधीर पनिहार, रामफल बूरा, सूबे ¨सह आर्य, सुभाष टाक, रामनिवास राड़ा, मुकेश गौड़, अजय ¨सधू, कर्ण सिहं राणोलिया, जोगीराम सिहाग, पवन खारिया व नरेश नैन के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसी मामले में डॉ. कमल गुप्ता ने भी डीएसपी सिद्धार्थ ढांडा समेत 40 पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ इस्तगासे के जरिये केस दर्ज करवाया था। जिसे बाद में डॉ. कमल गुप्ता ने वापस ले लिया था।