अग्रोहा मेडिकल में ब्लैक फंगस के मामले बढ़कर हुए 19, ब्लैक फंगस में चार केटेगरी में मरीज आ रहे है सामने

संवाद सहयोगी अग्रोहा कोरोना संक्रमण के साथ एक नई बीमारी म्यूकोरमायकोसिस संक्रमण यानि ब्ल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 11:22 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 11:22 PM (IST)
अग्रोहा मेडिकल में ब्लैक फंगस के मामले बढ़कर हुए 19, ब्लैक फंगस में चार केटेगरी में मरीज आ रहे है सामने
अग्रोहा मेडिकल में ब्लैक फंगस के मामले बढ़कर हुए 19, ब्लैक फंगस में चार केटेगरी में मरीज आ रहे है सामने

संवाद सहयोगी अग्रोहा : कोरोना संक्रमण के साथ एक नई बीमारी म्यूकोरमायकोसिस संक्रमण यानि ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या धिरे-धिरे बढ रही है। महाराजा अग्रोहा अग्रोहा मेडिकल के कोरोना अस्पताल व इमरजेंसी वार्ड में सोमवार तक 19 म्यूकोरमायकोसिस संक्रमण अथवा ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज उपचाराधीन थे। मेडिकल कालेज के आंख रोग मुख्य विशेषज्ञ डा.प्रवीन रेवडी ने बताया कि ये संक्रमण पिछले साल फसर्ट कोविड वेव में सामने नहीं आया अभी सेकेंड कोविड वेव में सामने आ रहा है। ब्लैक फंगस या म्यूकोरमायकोसिस संक्रमण चार केटेगरी में सामने आता है। जिसमें वायरस सबसे पहले सबसे पहले नाक फिर साइनस फिर आंखों उसके बाद ब्रेन पर हमला करता है। ब्लैक फंगस की पहली स्टेज पर ही मरीज नाक में प्रॉब्लम होते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

कोविड पॉजीटिव होने के दस दिन बाद संक्रमण आता है सामने

डा. प्रवीन रेवड़ी ने बताया कि ब्लैक फंगस के मामले उन मरीजों में अधिक सामने आ रहे है जो कोरोना पॉजीटिव आए हो और करीब दस से बारह दिन तक कोविड ट्रिटमेंट ले लिया हो अथवा कोविड पॉजीटिव संक्रमित के समय जिन मरीजों को हाई स्टोराइड दिया गया हो जिनका ब्लड शुगर लेवल हाई हो गया हो उन मरीजो में यह संक्रमण अधिक सामने आया है।

घर पर न करे उपचार -

कुछ लोग वट्सअप आदि सोशल मीडिया देखकर अथवा घर पर ही इलाज करना शुरू कर देते है। कुछ लोग बिना कोविड टेस्ट करवाए बिना डाक्टरी सलाह के केमिस्ट शॉप से टेबलेट आदि अथवा स्टोराइड आदि ले लेते है। साथ में ही दिन में चार-पांच बार स्टीम भी आदि ले लेते है। ऐसा घरेलु उपचार घर पर न करें ब्लैक फंगस के लक्षण सामने आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ये लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से करे संपर्क - डा. रेवडी के अनुसार ब्लैक फंगस सबसे पहले नाक से प्रवेश करता है। जिन लोगों को लगे कि उनकी नाक बंद हो गई है। नाक के आसपास सूजन महसूस करे नाक में रक्त का बहाव हो ,चेहरे पर दर्द महसूस हो,चेहरे पर सूजन आदि कुछ खाना आदि चबाने में परेशानी,मुंह से अजीब प्रकार की बदबू आना शुरू हो जाए। आंखों से किसी को डबल दिखना शुरू हो जाए अचानक किसी को कम दिखना शुरू हो जाए,आंख छोटी या बड़ी होनी शुरू होनी शुरू हो जाए। यदि इस प्रकार के लक्षण सामने आए तो मरीज को तुरंत डॉक्टरी उपचार की आवश्यकता है।

स्टोराइड का कम प्रयोग करे-

डा. प्रवीन रेवडी ने बताया कि चिकित्सक भी कोविड पॉजीटिव संक्रमितों पर स्टोराइड का प्रयोग बेहताशा हो गया है। चिकित्सकों को चाहिए कि संक्रमितों पर आवश्यकता अनुसार कम से कम स्टोराइड का प्रयोग करे। संक्रमीत को दी रही ऑक्सीजन सिस्टम को रूटीन में परोपर क्लीन करे ऑक्सीजन सिस्टम में कुछ जमा आदि नहीं होगा तो यह भी मरीज के लिए फायदेमंद होगा।

सोमवार को कोरोना अस्पताल में ये रही स्थिति- अग्रोहा मेडिकल कालेज डायरेक्टर डा. गितिका दुग्गल ने बताया कि रविवार सांय तक मेडिकल कालेज के कोरोना अस्पताल में कुल 205 कोरोना संक्रमित उपचाराधीन थे जिनमें सोमवार को 14 नए कोरोना संक्रमितों को एडमिट किया गया। वहीं 7 कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने के बाद उन्हे कोरोना वार्ड से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया। इसके साथ रविवार को 6 क्रिटिकल कोरोना संक्रमितों की उपचार के दौरान मौत हो गई।

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