117 कर्मचारी, छह जेई, दो एसडीओ और एक एक्सइएन ने छह घंटे तक की मशक्कत तो गलियों से निकला पानी
मानसून सक्रिय हो गया है। लगातार करीब चार दिन से हो रही बरसात हो रही है।
जागरण संवाददाता, हिसार : मानसून सक्रिय हो गया है। लगातार करीब चार दिन से हो रही बरसात के बाद शहर की अधिकतर सड़कें नहर सी बनी नजर आई। वीरवार को सुबह शुरु हुई बरसात कुछ समय दिन में बंद रही लेकिन देर सायं को दोबारा शुरु हुई और शुक्रवार सुबह तक बारिश जारी रही। इस दौरान 24 घंटे की समय अवधी में हुई 83 एमएम बरसात ने शहर को जलमग्न कर दिया। नहर जैसे हालात को ठीक करने के लिए सुबह करीब 4 बजे ही जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सइएन एसके त्यागी के नेतृत्व में 117 कर्मचारी, छह जेई, दो एसडीओ फील्ड में पहुंचे। करीब छह घंटे की मशक्कत के बाद शहर से बरसाती पानी पूरी तरह तो नहीं निकला, लेकिन गलियों में नहर जैसे बने हालात में कुछ परिवर्तन अवश्य आया। शहर में जगह जगह जलभराव जनता के लिए परेशानी का सबब बना रहा। जो प्रयास सरकारी तंत्र अब कर रहा है वह मानसून से पहले किया होते तो शहर में इतने भयावह हालात नहीं बनते। सर्वाधिक जलभराव मिलगेट व उसके आसपास के क्षेत्रों में और अर्बन एस्टेट-टू में रहा।
सत्यनगर में कीचड़ में फंसे वाहन
बरसात शुरु होने से एक दिन पूर्व ही सत्य नगर में पेयजल लाइन बिछाने के लिए सड़क उखाड़ी गई। करीब 500 मीटर तक सड़क पर गडढ़े से निकली मिट्टी सड़क के दूसरे हिस्से में डाली जहां कीचड़ हो गया। इस दौरान कीचड़ में फंसने से कई वाहन फंस गए। लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। मिलगेट पर कप्तान स्कूल रोड व उसके आसपास का क्षेत्र की सड़के कहीं नहर तो कई तालाब में तब्दील रही।
दो करोड़ में बने आरयूबी में खतरे के निशान तक पहुंचा पानी
हिसार-सदलपुर रेलवे लाइन पर 3.050 किलोमीटर पर दो करोड़ पांच लाख 62 हजार रुपये खर्च कर बना आरयूबी (रेलवे अंडरब्रिज) में पानी निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण जलभराव का स्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया। शुक्रवार दोपहर को बच्चों ने आरयूबी बने तालाब में तैराकी का आनंद लिया।
डिप्टी सीएम का आवासीय क्षेत्र बना तालाब
जल निकासी की हिसार में व्यवस्था कितनी बेहतर है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आवासीय क्षेत्र अर्बन एस्टेट-टू बारिश के कारण तालाब बन गया। यह क्षेत्र शहर के पाश एरिये में से एक है। यहीं नहीं शहर का पुराना सेक्टर है। जिसमें सालों से जलभराव की समस्या है लेकिन एचएसवीपी के अफसरों ने समाधान नहीं किया। इस क्षेत्र में सफाई के नाम पर निगम अफसरों ने खेल अवश्य खेल दिया था।
पूर्वमंत्री सावित्री जिदल के घर के सामने बनी नहर
करीब तीन करोड़ रुपये खर्च करके बीएंडआर ने दिल्ली रोड पर बरसाती नाला बनाया। तीन करोड़ खर्च होने के बावजूद पूर्वमंत्री सावित्री जिदल के घर के पास सड़क पर नहर जैसे हालात रहे। 24 घंटे बीतने के बावजूद पानी निकासी नहीं हो पाई। इस मार्ग पर कई वाहन जलभराव के कारण बंद हो गए।
एक्सइएन ने जनरेटर से निकलवाया पानी
शहर में जनस्वास्थ्य विभाग के लघु सचिवालय और महाबीर कालोनी में स्टोर्म वाटर डिस्पोजल है। महावीर कालोनी डिस्पोजल पर सुबह जलनिकासी के समय करीब ढाई घंटे का बिजली कट लग गया। एक्सइएन एसके त्यागी ने तुरंत व्यवस्था संभाली और जनरेटर का प्रबंध करवाया। उनके प्रयास से डिस्पोजल पर जलनिकासी बेहतर तरीके से हुई। इसके अलावा लघु सचिवालय डिस्पोजल पर भी बिजली निगम की मदद से व्यवस्था करवाई तब जाकर इस क्षेत्र में पानी निकासी हो पाई।
लाखों-करोड़ों खर्च कर सेक्टर में बनाए मकान, सुविधा तक नहीं
बेहतर सुविधाओं का सपना संजोकर लोगों ने सेक्टरों में प्लाट खरीदें, लेकिन बरसात ने सेक्टरों में विकास और सुविधाओं के दावों की पोल खोलकर रख दी। सेक्टर के पाश सेक्टर अर्बन एस्टेट-टू में तो स्लम से भी बदतर हालत बन चुके है। वहीं सेक्टर-13, सेक्टर 16-17, सेक्टर 1-4 में भी जलभराव के हालात बदहाल रहे। जनस्वस्थ्य विभाग ने इनके माध्यम से की जलनिकासी की व्यवस्था
सीवरेज व ड्रेनेज व्यवस्था करने के लिए स्टाफ किया तैनात : 90 कर्मचारी
सड़कों लगी पानी निकासी की जालियों की सफाई के लिए तैनात स्टाफ : 27 कर्मचारी
लाइनों की सफाई के लिए संसाधन : एक सुपर शकर मशीन, एक जेटिग, चार ट्रैक्टर और दो रोबोटिक मशीनें वर्जन
सुबह चार बजे से ही हमारे करीब दो एसडीओ, छह जेई और करीब 117 कर्मचारियों ने काफी मेहनत कर जलनिकासी करवाई। जनस्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में हमने जलनिकासी की व्यवस्था करवा दी है।
- एसके त्यागी, एक्सइएन, जनस्वास्थ्य विभाग, हिसार।