युवा दिवस विशेष: संकट की घड़ी में युवाओं ने पेश की नजीर

प्रियंका दुबे मेहता गुरुग्राम युवा चाहें तो समाज और देश में बड़े से बडा बदलाव ला सकते हैं

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Jan 2021 07:24 PM (IST) Updated:Mon, 11 Jan 2021 07:24 PM (IST)
युवा दिवस विशेष:  संकट की घड़ी में युवाओं ने पेश की नजीर
युवा दिवस विशेष: संकट की घड़ी में युवाओं ने पेश की नजीर

प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम

युवा चाहें तो समाज और देश में बड़े से बडा बदलाव ला सकते हैं। महामारी के दौर ने अगर परेशानियां दी हैं तो उससे कहीं अधिक सकारात्मकता का संचार किया और इंसानियत का चेहरा उजागर किया। युवाओं को कुछ करने का मौका मिला तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया और लोगों को ढांढस बंधाया। शहर के कुछ युवाओं ने इस कार्य में अपनी परवाह किए बिना लोगों को मदद पहुंचाई - बेसहारों का सहारा बने अभि

दसवीं कक्षा के छात्र अभि चोपड़ा को स्कूल में पढ़ते हुए कई तरह की समाजसेवा की गतिविधियों से जुड़ने का मौका मिला। इसकी क्रम को आगे बढ़ाते हुए लाकडाउन के बाद के समय उन्होंने का सदुपयोग किया और लोगों की मदद के लिए निकला। इस दौरान प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों की मदद की। उन्हें भोजन, कपड़े आदि के अलावा आवश्यक चीजें मुहैया करवाई। इस काम को देखते हुए कई कंपनियां भी आगे आईं और उन्होंने मदद का हाथ बढ़ाया। इस दौरान उन्हें लगा कि खाली वक्त में स्मार्टफोन और सोशल हैंडल से हटकर देखें तो असल जीवन की ऐसी गतिविधियां हैं जो न केवल दूसरों को मदद पहुंचा सकती हैं बल्कि आपको भी सुकून के उस स्तर का अहसास करवाती हैं, जो कहीं और नहीं मिल सकता।'

झुग्गी निवासियों के मसीहा

कोरोना महामारी की शुरुआत में शहर के युवा समाजसेवी कुलदीप उन लोगों के लिए मसीहा साबित हुए जिन्हें इस दौरान खाने को दो जून रोटी भी नहीं मिल पा रही थी। नगर निगम गुरुग्राम की तरफ से, अपनी संस्था बुलंद आवाज के साथ मिलकर कुलदीप ने 1.60 लाख लोगों को खाना खिलाया। पिछले चार वर्षों से स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एंबेसडर कुलदीप कोरोना काल में लोगों को मदद पहुंचाते हुए स्वयं भी संक्रमित हो गए थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और बीमारी को हराकर फिर लोगों की मदद को हाथ बढ़ा दिए। इन दिनों वे नगर निगम के साथ मिलकर सेक्टर 23 के बाजार को पालिथीन मुक्त बना रहे हैं जिसके लिए उन्होंने कपड़ा थैला बैंक भी बनाया और इस प्रयास को मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया। बेजुबानों और असहायों की मदद

मेफील्ड गार्डेन निवासी आयुषी शर्मा ने उस दौरान लोगों की सहायता की सबकुछ बंद था। सुबह शाम समाजसेवा से जुड़ने का मौका मिला। जरूरतमंदों को गोद लेकर महीने भर का राशन दिया। इसके अलावा ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की भी सहायता है। उनका कहना है कि आनलाइन काम के बाद इन सब कार्यों में जो सुकून मिलता था, वह सारी थकान उतार देता था। इस दौरान उन्होंने बेजुबानों और जरूरतमंदों के दर्द को करीब से महसूस किया। आयुषी कुत्तों की मदद के लिए काफी समय से कार्यरत हैं। लाकडाउन के दौरान अन्य जानवरों की तकलीफें देखी तो उनकी मदद को कदम उठाया।

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