संवेदनशील 39 में से 22 स्थानों पर हो सकता है जलभराव
क्षेत्र में जल्द मानसून दस्तक देने वाला है। सरकारी महकमे भी जलभराव से निपटने और इसकी तैयारियों को लेकर खूब भागदौड़ कर रहे हैं। नई ड्रेनों के निर्माण के साथ ही जलभराव वाले स्थानों पर अस्थायी मशीनरी तैनात की जाएगी।
संदीप रतन, गुरुग्राम
क्षेत्र में जल्द मानसून दस्तक देने वाला है। सरकारी महकमे भी जलभराव से निपटने और इसकी तैयारियों को लेकर खूब भागदौड़ कर रहे हैं। नई ड्रेनों के निर्माण के साथ ही जलभराव वाले स्थानों पर अस्थायी मशीनरी तैनात की जाएगी। अधिकारियों का दावा है कि इस मानसून में जलभराव कम से कम हो, यह प्रयास किए जा रहे हैं। विभागों के दावों में कितना दम है, ये तो मानसून की शुरुआती बारिश में ही स्पष्ट हो जाएगा, लेकिन फिलहाल जीएमडीए ने 39 ऐसे संवेदनशील स्थानों को चिह्नित किया है, जहां पर मानसून की बारिश के दौरान जलभराव हो सकता है। बारिश शुरू होते ही इन जगहों की रोजाना मानीटरिग की जाएगी। इसको लेकर जीएमडीए, नगर निगम और एनएचएआइ के अधिकारियों की एक बैठक भी हो चुकी है। जलभराव के स्थानों के बारे में खास बातें
2018-19 में जलभराव की दृष्टि से 79 संवेदनशील स्थान थे।
2019-20 में ये घटकर 35 स्थान रह गए।
2020-21 में अब 39 जगहों पर जलभराव हो सकता है।
17 ग्रीन लोकेशन यानी न के बराबर जलभराव होगा।
15 ब्लू लोकेशन हैं यानी एक घंटे के बाद भरे हुए पानी की निकासी हो जाएगी।
सात रेड लोकेशन यानी जहां पर दो घंटे जलभराव रह सकता है। ये हैं अति संवेदनशील स्थान
-दिल्ली-जयपुर हाईवे के नरसिंहपुर इलाके में हाईवे की दोनों तरफ की सर्विस लेन।
- मेदांता अस्पताल के गेट नंबर दो के सामने।
- इफको चौक मेट्रो स्टेशन से हुडा सिटी सेंटर की तरफ।
- सीआरपीएफ कैंप के पास शीतला माता रोड।
- सेक्टर चार के सामने लक्ष्मण विहार धनवापुर रोड।
- बसई रोड आरओबी के नजदीक।
- राजीव चौक से लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह की तरफ सड़क के दोनों तरफ।
जलभराव वाली जगहों को चिह्नित कर इसके उपाय किए जा रहे हैं। मानसून में 24 घंटे कंट्रोल रूम में कर्मचारियों की ड्यूटी रहने के साथ ही फील्ड में भी टीम तैनात रहेगी।
प्रदीप कुमार, मुख्य अभियंता, जीएमडीए।