500 एमएलडी पेयजल आपूर्ति, फिर भी आधा शहर प्यासा
गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) द्वारा शहर में 500 एमएलडी पेयजल आपूर्ति करने के बाद भी शहर के काफी इलाकों में नहरी पानी नहीं पहुंच रहा है। जीएमडीए के अधिकारियों के मुताबिक आबादी को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति की जा रही है। उधर घरों तक पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। कई सेक्टरों और कॉलोनियों में पानी की लाइनें 30 साल से भी पुरानी हो चुकी है। ऐसे में ये लाइनें काफी जर्जर होने के कारण लीक भी हो रही हैं। इसके अलावा लाइनों में अवैध कनेकशन होने व बूस्टिग स्टेशनों से पानी का प्रेशर नहीं होने के कारण भी काफी घरों में कम प्रेशर से पानी पहुंचने की शिकायतें मिल रही हैं। गर्मी में पानी की खपत बढऩे के साथ ही पेयजल किल्लत होने लगी है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) द्वारा 500 एमएलडी पेयजल आपूर्ति करने के बाद भी शहर के काफी इलाकों में नहरी पानी नहीं पहुंच रहा है। जीएमडीए अधिकारियों के मुताबिक आबादी को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति की जा रही है। उधर, घरों तक पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है।
कई सेक्टरों और कॉलोनियों में पानी की लाइनें 30 साल से भी पुरानी हो चुकी है। ऐसे में ये लाइनें काफी जर्जर होने के कारण लीक भी हो रही हैं। इसके अलावा लाइनों में अवैध कनेक्शन होने व बूस्टिग स्टेशनों से पानी का प्रेशर नहीं होने के कारण भी काफी घरों में कम पानी पहुंचने की शिकायतें मिल रही हैं। गर्मी में पानी की खपत बढ़ने के साथ ही पेयजल किल्लत होने लगी है। इन जगहों पर बढ़ी परेशानी
शहर के सेक्टर 22, सेक्टर 22 के पॉकेट ए और बी, पटेल नगर, सेक्टर 15, शांति नगर, शिवाजी नगर क्षेत्र, खांडसा, सेक्टर 10 एरिया, भीमनगर, राजेंद्रा पार्क, डूंडाहेड़ा और झाड़सा क्षेत्र में पानी की किल्लत की शिकायतें मिल रही हैं। नगर निगम में पानी से संबंधित रोजाना 15 से 20 शिकायतें नागरिकों द्वारा भेजी जा रही है। उधर, पालम विहार एक्सटेंशन में पेयजल लाइन लीकेज की शिकायत भी नगर निगम को भेजी गई है। पानी की बर्बादी को रोकने के लिए उठाने होंगे ये कदम
- पेयजल लाइनों में किए गए अवैध कनेक्शनों को काटना होगा।
- नगर निगम क्षेत्र में घरों में पानी के मीटर लगाने होंगे।
- पानी के बिलों की रिकवरी करने के लिए भी नगर निगम को सख्त कदम उठाने होंगे।
- गर्मी के दिनों में गाड़ियों व घरों को धोने के लिए पानी की बर्बादी करने वालों के चालान करना जरूरी।
- मानसून सीजन में बरसाती पानी को स्टोर करके इसका इस्तेमाल करने से एक साल में काफी पानी की बचत की जा सकती है।
- रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम दुरुस्त करने होंगे ताकि भूजल को रिचार्ज किया जा सके।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप