वाटर एटीएम में सूखा, विज्ञापनों की हरियाली

तीन वर्ष पहले शुरू की गई वाटर एटीएम लगाने की योजना का शहरवासियों को फायदा नहीं मिल रहा है। काफी जगहों पर इन वाटर एटीएम में पानी की सुविधा नहीं है लेकिन इन पर विज्ञापन लगे हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 06:08 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 06:08 PM (IST)
वाटर एटीएम में सूखा, विज्ञापनों की हरियाली
वाटर एटीएम में सूखा, विज्ञापनों की हरियाली

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: तीन वर्ष पहले शुरू की गई वाटर एटीएम लगाने की योजना का शहरवासियों को फायदा नहीं मिल रहा है। काफी जगहों पर इन वाटर एटीएम में पानी की सुविधा नहीं है, लेकिन इन पर विज्ञापन लगे हुए हैं। टेंडर की शर्तों के मुताबिक वाटर एटीएम लगाकर सस्ती दर पर पीने का स्वच्छ पानी इन एटीएम के जरिए लोगों को मुहैया करवाने की योजना थी। इसकी एवज में वाटर एटीएम लगाने वाली निजी एजेंसी को इन पर विज्ञापन लगाने के अधिकार दिए गए थे। इसके साथ निगम को भी फीस जमा कराने का प्रविधान है। लेकिन काफी जगहों पर वाटर एटीएम में पानी नहीं होने के बावजूद इन पर विज्ञापन लगे हुए हैं।

बता दें कि वर्ष 2019 में 60 वाटर एटीएम लगाने का काम शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में शुरू किया गया था। वाटर एटीएम में एक रुपये में 250 एमएल और तीन रुपये में एक लीटर पानी देने की योजना थी। इस संबंध में नगर निगम विज्ञापन शाखा के एसडीओ नय्युम हुसैन का कहना है कि जिन एटीएम में पानी नहीं है, उनके विज्ञापनों को हटाया जाएगा।

सिटी बसों पर लग रहे विज्ञापन, निगम को नहीं मिल रहा राजस्व

गुरुग्राम मेट्रोपालिटन सिटी बस लिमिटेड (जीएमसीबीएल) की फिलहाल 200 सिटी बसों का संचालन शहर व आसपास के रूटों पर हो रहा है। इन बसों पर विज्ञापन लगाए जा रहे हैं। एक बस पर एक महीने के लिए विज्ञापन लगाने की फीस लगभग बीस हजार रुपये हैं। इन विज्ञापनों से मिल रहा राजस्व का हिस्सा नगर निगम में जमा नहीं करवाया जा रहा है। पार्षद एवं विज्ञापन समिति के अध्यक्ष रविद्र यादव का कहना है कि नियमानुसार कुल फीस का 25 फीसद नगर निगम में जमा करवाना जरूरी होता है।

chat bot
आपका साथी