कोई भी धर्म नफरत करने की सीख नहीं देता: जितेंद्र त्यागी
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी (नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी) सनातन धर्म अपनाने के बाद मंगलवार को गुरुग्राम पहुंचे। जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने कहा कि कोई भी मजहब आपस में लड़ाई करने का संदेश नहीं देता है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी (नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी) सनातन धर्म अपनाने के बाद मंगलवार को गुरुग्राम पहुंचे। जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने कहा कि कोई भी मजहब आपस में लड़ाई करने का संदेश नहीं देता है। उन्होंने कहा कि जब मैंने बाबरी मस्जिद-राम मंदिर के विवाद में पहली बार कहा कि यह हिदुओं की जगह है, उन्हें दे दी जाए, उस समय पद से हटाकर मेरे खिलाफ फतवे जारी किए गए थे।
जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने यह बातें गुरुग्राम में भारत बचाओ संगठन की ओर से आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं। उन्होंने कहा कि मैंने लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद इस्लाम धर्म पर एक किताब लिखी। जिसके बाद मैंने मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस विषय में बहस करने के लिए बुलाया। लेकिन उन्होंने बजाय बहस करने के मेरी मौत का फरमान जारी कर दिया।
इस मौके पर स्वामी नरसिंहानंद गिरि महाराज, विक्रम यादव, सांस्कृतिक गौरव संस्थान के दिनेश चंद गुप्ता आदि ने शाल तथा माला पहनाकर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी का स्वागत किया। स्वामी नरसिंहानंद ने कहा कि रिजवी ने अपनी जान जोखिम में डालकर किताब लिखी है, जिसके बाद से उन्हें तथा मुझे बार-बार धमकियां दी जा रही हैं। स्वामी नरसिंहानंद ने कहा कि गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने का विरोध करने पर उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। भारत बचाओ संगठन के संयोजक विक्रम सिंह यादव ने कहा कि खुले में नमाज पढ़ने को लेकर हिदू समाज चुप नहीं बैठेगा। सड़कों पर उतर कर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।