जंगली जानवरों को रोकने के लिए बनरी है दीवार, नहीं मिल रही अनुमति
अरावली पहाड़ियों तलहटी में बसी सनसिटी सोसायटी के लोगों को हमेशा तेंदुआ लकड़बग्घा व अन्य जंगली जानवर का डर सताता रहता है। इन जानवरों के सोसायटी में घुसने से रोकने के लिए वन्यजीव विभाग ने भी आरडब्ल्यूए को दीवार करने की सलाह दी है। आरडब्ल्यूए ने करीब नौ फीट ऊंची दीवार किए जाने के लिए जिला नगर योजनाकार विभाग में करीब डेढ़ वर्ष पहले फाइल लगाई।
संवाद सहयोगी, बादशाहपुर : अरावली पहाड़ियों तलहटी में बसी सनसिटी सोसायटी के लोगों को हमेशा तेंदुआ, लकड़बग्घा व अन्य जंगली जानवर का डर सताता रहता है। इन जानवरों के सोसायटी में घुसने से रोकने के लिए वन्यजीव विभाग ने भी आरडब्ल्यूए को दीवार करने की सलाह दी है। आरडब्ल्यूए ने करीब नौ फीट ऊंची दीवार किए जाने के लिए जिला नगर योजनाकार विभाग में करीब डेढ़ वर्ष पहले फाइल लगाई। डेढ़ वर्ष से फाइल अधिकारियों के चक्कर काट रही है। अभी तक सोसायटी में दीवार किए जाने की इजाजत नहीं मिल पाई है।
सेक्टर-54 में सनसिटी सोसायटी अरावली पर्वत की तलहटी में बसी हुई है। प्लाटेड सोसायटी में नगर योजनाकार विभाग सोसायटी के बाहर चारदीवारी करने की इजाजत नहीं देता है। जब सोसायटी का निर्माण किया गया तो नियमानुसार दीवार नहीं हो सकी। सोसायटी बसने के बाद अरावली पहाड़ियों में से जंगली जीव जंतुओं का आने का सिलसिला शुरू हो गया। सोसायटी के समीप एक अगस्त के बाद कई बार तेंदुआ देखा गया है। सोसयटी की ओर से सावधान करने के लिए चेतावनी बोर्ड लगा दिए गए हैं।
कुत्तों के चक्कर में नीचे उतरता है तेंदुआ कुत्ता तेंदुआ का सबसे पसंदीदा भोजन बताया जाता है। वन्यजीव विशेषज्ञ बताते हैं कि कुत्ते का शिकार तेंदुआ सबसे ज्यादा करता है। सन सिटी इलाके में काफी संख्या में गलियों में घूमने वाले कुत्ते हैं। यह कुत्ते घूमते हुए अरावली पहाड़ियों की तरफ भी चले जाते हैं। उधर जाने पर तेंदुआ की नजर इन पर पड़ती है तो वह अपने पसंदीदा शिकार के लिए झपट पड़ता है। इस चक्कर में कई बार तेंदुआ रिहायशी इलाकों में भी आ जाता है। पिछले दो सालों के दौरान रिहायशी क्षेत्र के आसपास कई बार तेंदुआ देखा गया। अगस्त में ही दो बार सनसिटी के आसपास तेंदुआ देखा गया। इसके बाद से लोगों में बेहद डर बना हुआ है। वन्य जीव विभाग अधिकारियों ने किया दौरा तेंदुआ जंगली जानवर सोसायटी के आसपास देखे जाने से लोगों में दहशत है। सनसिटी आरडब्ल्यूए ने इस पूरे मामले की जानकारी वन्यजीव विभाग को दी। तेंदुआ के देखने के बाद वन्यजीव विभाग के अधिकारियों ने सोसायटी का दौरा किया। वन्यजीव विभाग ने आरडब्ल्यूए को इन जंगली जानवरों से बचाव के लिए करीब आठ से नौ फीट ऊंची दीवार करने की सलाह दी है। आरडब्ल्यूए ने वन्यजीव विभाग के अधिकारियों को बताया कि उन्होंने दीवार करने के लिए जिला नगर योजनाकार विभाग से अनुमति मांगी है। इस संबंध में जिला नगर योजनाकार आरएस बाठ से उनका पक्ष लेने के लिए मोबाइल पर संपर्क किया। कई बार प्रयास करने के बाद भी उनसे बातचीत नहीं हो पाई।
हमने डेढ़ साल पहले अरावली के साथ पूरी सोसायटी में दीवार करने की अनुमति लेने की फाइल जिला नगर योजनाकार विभाग में लगाई थी। उसी समय से फाइल अधिकारियों के चक्कर लगा रही है। कभी कोई अधिकारी वन क्षेत्र बताकर अडंगा लगा देते हैं। कभी कोई नियम कानून का हवाला देकर मामले को लटका देते हैं। अनुमति मिलते ही हम दीवार करने को तैयार हैं। लोगों की जान माल की सुरक्षा हमारे लिए प्राथमिकता है।
-कुलदीप लांबा, अध्यक्ष, आरडब्ल्यूए, सनसिटी अरावली के साथ-साथ पूरी सोसायटी की चारदीवारी होनी चाहिए। हमारा प्रयास है कि छह फीट कंक्रीट की और तीन फीट ऊपर वायरिग की जाए। तेंदुआ को लेकर लोगों में सबसे ज्यादा दहशत है। इसके अलावा सांप, अजगर व अन्य जीवों का भी सोसायटी में घुसने का हमेशा खतरा रहता है। अभी सभी लोगों को सलाह दी गई है कि अरावली की तरफ अंधेरे में या अकेले न जाएं। जंगली जानवरों के अलावा उधर से चोर उचक्के का भी घुसने का डर बना रहता है।
-मोना, चेयरपर्सन, विकास समितियां, आरडब्ल्यूए, सनसिटी लोगों की सुरक्षा के लिए दीवार जरूरी है। जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़ के साथ इस मुद्दे को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त डा. यश गर्ग से मुलाकात करेगा। अरावली क्षेत्र की तरफ चारदीवारी करने की अनुमति देने का आग्रह किया जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही दीवार बनाए जाने की अनुमति मिल जाएगी।
-अजीत यादव, निवासी सन सिटी व जिला मीडिया प्रभारी, भाजपा