उपराष्ट्रपति ने केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों की परोक्ष रूप से वकालत

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कृषि सुधार कानूनों की परोक्ष रूप से वकालत करते हुए कहा मोरारजी देसाई अटलजी चौधरी चरण सिंह और चौधरी देवीलाल भी चाहते थे कि किसान अपनी फसल देश में कहीं भी बेच सकें।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 05:58 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 05:58 PM (IST)
उपराष्ट्रपति ने केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों की परोक्ष रूप से वकालत
उपराष्ट्रपति ने केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों की परोक्ष रूप से वकालत

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कृषि सुधार कानूनों की परोक्ष रूप से वकालत करते हुए कहा मोरारजी देसाई, अटलजी, चौधरी चरण सिंह और चौधरी देवीलाल भी चाहते थे कि किसान अपनी फसल देश में कहीं भी बेच सकें। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ सरकार का संवाद जरूरी है। यह देश के हित में है। किसानों को भी पता होना चाहिए कि उनकी भलाई के लिए मार्केट में क्या हो रहा है। ओपन मार्केट सिस्टम होना चाहिए। किसान की उपज के सही दाम नहीं मिले तो सरकार खरीद करे। मैंने खुद एक मार्केट के लिए आंदोलन किया था। कोरोना में हर वर्ग को नुकसान हुआ लेकिन कृषि उत्पादन बढ़ा है। किसान की भलाई के लिए आवाज उठानी चाहिए लेकिन किसान के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने यह बात रविवार को गुरुग्राम के सेक्टर 44 स्थित अपरैल हाउस में हरियाणा इतिहास एवं संस्कृति अकादमी द्वारा सर छोटूराम के लेख व भाषणों पर आधारित पुस्तकों के तैयार किए गए पांच संस्करण के विमोचन कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि सर छोटूराम हम सभी के आदर्श रहे हैं। मेरी खुद की इच्छा थी कि पुस्तक का विमोचन करुं। उनके विचारों का संकलन कर प्रदेश सरकार ने सराहनीय कार्य किया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि अंग्रेजी व दूसरी भाषाएं सीखनी चाहिए लेकिन हिदी सबको सीखने की जरूरत है। आज भी हम अंग्रेजी को सर्वोपरि मानते हैं और कान्वेंट में पढ़ाई पर यकीन करते हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिदी माध्यम से ही पढ़कर दुनिया में लोकप्रियता हासिल की है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने भी अपनी मातृ भाषा को महत्व दिया है। राज्यसभा में अपनी बात कहने के लिए सदस्यों के संबोधन को बदला है। सदन में पहले सर आइ वांट टू बेग कहा जाता था, जिसे अब अध्यक्ष महोदय आपकी इजाजत से अपने कागज प्रस्तुत कर रहा हूं, कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी नई पीढ़ी का हमारे पूर्वजों से परिचय कराना और अंग्रेजों की औपनिवेशिक सोच से बाहर आना जरूरी है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सर छोटूराम हम सभी के आदर्श हैं। उनके विचारों से युवा पीढ़ी को अवगत होना जरूरी है। उनके विचारों के संकलन को सभी को पढ़ना चाहिए। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ मौजूद रहे।

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